नई दिल्ली। भारत सरकार 26 जनवरी से नई शिक्षा नीति की शुरूआत करने जा रही है। इस पॉलिसी के अंदर पहली बार भारत के प्रत्येक गांवों से एजुकेशन नीति पर फीडबैक ली जाएगी।
शिक्षा मंत्रालय और एजुकेशन के क्षेत्र से
जुड़ी स्वायत्त संस्थाओं ने महीनों विचार-विमर्श के बाद इस नीति को तैयार
किया है। इस नीति में शिक्षा के बदलते स्वरूप पर काफी ध्यान दिया गया है,
जिसमें रिसर्च, इनोवेशन और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा शामिल हैं। दरअसल,
यूपीए सरकार शिक्षा नीति के लिए एक एजुकेशन कमीशन बनाने वाली थी जिसकी ओर
से शिक्षा नीति तैयार किया जाना था मगर नई सरकार ने इसे बदल दिया और इस
दिशा में नए कदम उठाए। योजना के अनुसार शिक्षा नीति के बारे में बात
सबसे पहले गांवों से शुरू की जाएगी, जिसके बाद इसे ब्लॉक लेवल पर ले जाया
जाएगा। ब्लॉक के बाद जिला और फिर राज्य लेवल पर इसे पहुंचाया जाएगा। शिक्षा
से जुड़े सारे मुद्दों का संग्रह करने के लिए भारत का प्रत्येक राज्य
जिम्मेवार होगा। शिक्षा नीति के बारे में अंतिम निर्णय केंद्र सरकार लेगी।
प्रत्येक लेवल पर विचार-विमर्श करने के लिए सरकार ने 32 विषयों को चुना है,
जिसमें 20 उच्च शिक्षा के लिए और 12 स्कूल शिक्षा के लिए हैं। इन विषयों
में आगे संसोधन भी किया जा सकता है।
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