आजकल राजनीति में सबकुछ संभव आने लगा है। दुश्मन-दुश्मन एक हो रहे हैं, दोस्त-दोस्त हो रहे हैं। इतना ही नहीं राजनीतिक लोग अपने हितों को साधने के लिए पल भर में पार्टी भी बदल रहे हैं।
राजनीति का गंदा खेल दिल्ली में ही नहीं
पूरे भारत में चल रहा है। नोएडा की बात करे तो आजकल कई एसोसिएशन की अध्यक्ष
खुद को राजनीतिक पार्टी में दमदार बनाने के लिए उस पार्टी के बड़े नेताओं
को तेल लगा रहे हैं। इतना ही नहीं होर्डिंग लगाकर, कार्यक्रमों का आयोजन कर
और उपहार देकर उन्हें खुश करने की पूरी कोशिश की जा रही है। कुछ ऐसे नेता
हैं जो सपा में केवल सत्ता सुख भोगने के लिए सत्ता परिवर्तन होते ही अपना
कथित हृदय परिवर्तन कर शामिल हुए अब वही नेता भाजपा के सत्ता में आते ही
भाजपा की ओर देखने लगे हैं। बसपा के लोग सपा में आ गए और सपा के लोग भाजपा
में भाग रहे हैं। इस सब के पीछे लॉबिंग चल रही है। इतना ही नहीं राजनीतिक
पार्टियों के अंदर भी लॉबिंग इस कदर हावी है कि बड़े-बड़े नेताओं के पास
स्थानीय मुद्दे पहुंचने की पार्टी के नेता एवं कार्यकर्ताओं की शिकायत
पहुंच रही है। भाजपा में इस वक्त दो ग्रुप हैं जिसमें सबसे ऊपर सांसद महेश
शर्मा के साथ वाले लोग हैं जबकि दूसरा ग्रुप नवाब सिंह नागर व कई पुराने
भाजपाईयों का है। फिलहाल ये लोग पार्टी में अपनी जमीन तलाश रहे हैं। ठीक
यही हाल सपा और बसपा का भी नजर आ रहा है। सत्ता में होने के कारण सपा से
लोग स्वार्थ के कारण जुड़ रहे हैं जबकि बसपा में सन्नाटा छाया हुआ है।
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