नई दिल्ली। खेतीबाड़ी संबंधी समस्याओं और जिज्ञासाओं का समाधान स्थानीय भाषा में सुझाने के लिए देश भर में स्थापित विशेष काल सेंटरों में किसानों के फोन की संख्या बढ़ रही है पर काल का स्तर अब भी कम है।
किसान कालसेंटरों से जुड़े केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अधिकारी इन टाल फ्री फोन सूचना केंद्रों का राष्ट्रीय स्तर पर और अधिक प्रचार प्रसार कराने की जरूरत पर बल देते हैं ताकि इन केंद्रों के बारे में अधिक से अधिक किसानों को जानकारी दी जा सकें। अधिकारियों का कहना है कि स्थानीय भाषाओं में शुरू किए गए किसान काल सेंटर की लोकप्रियता बढ़ रही है लेकिन व्यापक प्रचार तथा कनेक्टिविटी जैसी दिक्कतें इसके व्यापक प्रसार में बाधा बनी हुई है। राजग शासन के दौरान जनवरी 2004 में शुरू किए गए इन किसान कालसेंटरों की पहुंच प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों तक है।