नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना-चांदी तीन साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं। शुक्रवार को पीली धातु 1150 रुपये लुढ़ककर 26 हजार से नीचे आ गई। इस दिन यह धातु 23 माह के निचले स्तर 25 हजार 650 रुपये प्रति दस ग्राम पर बंद हुई।
इसी तरह चांदी 1490 रुपये का गोता लगाकर 39 हजार 10 रुपये प्रति किलो हो गई। विदेशी गिरावट को देखते हुए आभूषण और सिक्का निर्माताओं ने इससे दूरी बनाए रखी। माना जा रहा है कि कीमतों में गिरावट से सोना आयात में फिर तेजी आएगी। अप्रैल में दाम में तेज गिरावट के बाद मई में आयात तेजी से बढ़ा था। इससे चालू खाते के घाटे पर और दबाव पड़ेगा।
अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार से शेयर बाजारों में तेजी आ रही है। इसे देखते हुए निवेशक कीमती धातुओं से निवेश निकालकर शेयरों में निवेश कर रहे हैं। सिंगापुर में पीली धातु 24.40 डॉलर फिसलकर 1200.80 डॉलर प्रति औंस पर आ गई।
ग्लोबल बाजारों में तेज गिरावट के दबाव में स्टॉकिस्ट और निवेशक कीमती धातुएं बेचने पर उतारू हो गए हैं। इससे पहले नौ अगस्त, 2011 को इसने यह स्तर छुआ था। यह इस साल की तीसरी सबसे बड़ी गिरावट है। 13 अप्रैल को यह 1250 रुपये और 16 अप्रैल को 1160 रुपये लुढ़की थी।
चांदी भी गिरकर 18.51 डॉलर प्रति औंस रह गई। इसके असर से घरेलू सराफा बाजार भी भरभराने से नहीं बच पाया। विश्लेषक और कारोबारी सोने में और गिरावट का अनुमान लगा रहे हैं।
स्थानीय बाजार में सोना आभूषण के भाव भी 1150 रुपये की चपत खाकर 25 हजार 450 रुपये प्रति दस ग्राम पर आ गए। आठ ग्राम वाली गिन्नी 200 रुपये का गोता लगाकर 23 हजार 800 रुपये हो गई।