जी20 शिखर सम्मेलन सत्र 1 में प्रधानमंत्री मोदी ने कहाकि भारत, आस्था, अध्यात्म और परंपराओं की डायवर्सिटी की भूमि है। दुनिया के अनेक बड़े धर्मों ने यहां जन्म लिया है। दुनिया के हर धर्म ने यहां सम्मान पाया है।
(आईएनएस मीडिया) जी20 शिखर सम्मेलन सत्र 1 में प्रधानमंत्री मोदी ने कहाकि भारत, आस्था, अध्यात्म और परंपराओं की डायवर्सिटी की भूमि है। दुनिया के अनेक बड़े धर्मों ने यहां जन्म लिया है। दुनिया के हर धर्म ने यहां सम्मान पाया है। "Mother of Democracy” के रूप में, संवाद और लोकतान्त्रिक विचारधारा पर अनंत काल से हमारा विश्वास अटूट है। हमारा वैश्विक व्यवहार, ‘वसुधैव कुटुम्बकम’, यानि world is one family के मूल भाव पर आधारित है। विश्व को एक परिवार मानने का यही भाव, हर भारतीय को One Earth के दायित्व-बोध से भी जोड़ता है।One Earth की भावना से ही भारत ने Lifestyle for Environment Mission की शुरुआत की है। भारत के आग्रह पर, और आप सबके सहयोग से, पूरा विश्व इस साल International Year of Millets मना रहा है, और यह भी Climate Security की भावना से जुड़ा हुआ है। इसी भावना के साथ, COP-26 में भारत ने "Green Grids Initiative - One Sun, One World, One Grid” लॉन्च किया था।आज भारत दुनिया के उन देशों में है जहां बहुत बड़े पैमाने पर सोलर रिवॉल्यूशन चल रहा है।भारत के करोड़ों किसान अब नैचुरल फार्मिंग अपना रहे हैं। यह मानव स्वास्थ्य के साथ-साथ Soil की, Earth की health को सुरक्षित रखने का भी बहुत बड़ा अभियान है। हमने भारत में ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए National Green Hydrogen Mission भी लॉन्च किया है। G-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान, भारत ने Global Hydrogen Ecosystem बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। मोदी जी ने बताया कि Climate की चुनौती को ध्यान में रखते हुए एनर्जी ट्रांजिशन, इक्कीसवीं सदी के विश्व की बहुत बड़ी आवश्यकता है। Inclusive एनर्जी ट्रांजिशन के लिये ट्रिलियन्स ऑफ़ डॉलर्स की जरूरत है। स्वाभाविक रूप से, इसमें विश्व के विकसित देशों की बहुत बड़ी भूमिका है। भारत के साथ-साथ ग्लोबल साउथ के सभी देशों को खुशी है कि विकसित देशों ने इस साल, यानि कि 2023 में एक अहम् सकारात्मक पहल की है।विकसित देशों ने climate finance के लिए अपने 100 बिलियन डॉलर के कमिटमेंट को पूरा करने की पहली बार इच्छा जाहिर की है। "ग्रीन development पैक्ट” को अपना कर, G-20 ने सस्टेनेबल और ग्रीन ग्रोथ के प्रति अपने दायित्वों का भी निर्वहन किया है।
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