द्वारका पुलिसकर्मियों को राहत......
जस्टिस योगेश खन्ना ने द्वारका मुठभेड़ मामले में पुलिस अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश पर रोक लगाई,पुलिस ने निचली कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए याचिका में कहाकि इससे पुलिस का मनोबल टूटेगा।
(प्रदीप महाजन/आईएनएस मीडिया) दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस योगेश खन्ना ने दिल्ली पुलिस के वकील की दलीलें सुनने के बाद एफआईआर दर्ज करने के आदेश पर रोक लगा दी है। पेश मामले में दिल्ली की निचली अदालत ने 24 मार्च को दिल्ली के द्वारका कोर्ट ने तीन अलग-अलग मामलों में आरोपियों दीपक चौहान, बबलू और एजाज की याचिका पर सुनवाई करते हुए उनके साथ हुए मुठभेड़ को फर्जी मानते हुए पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। जिसपर कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ द्वारका जिले के एडिशनल डीसीपी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी और हाई कोर्ट को बताया कि पुलिस पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश से पुलिसकर्मियों के मनोबल पर असर पड़ेगा वही अपराधी खुलेआम घूमेंगे उन्होंने याचिका में कहाकि संविधान की धारा 14 और 21 के तहत पुलिस अफसरों को मिले अधिकारों का भी उल्लंघन होगा। पुलिस ने दलील दी कि निचली कोर्ट का आदेश उनके क्षेत्राधिकार के बाहर का मामला है। जस्टिस योगेश खन्ना की बेंच ने इस केस की सुनवाई में दिल्ली पुलिस की दलीलें सुनने के बाद एफआईआर दर्ज करने के आदेश पर रोक लगा दी है। हाई कोर्ट ने कोर्ट ने मामले की सुनवाई 15 सितंबर तय की है। इस आदेश से दिल्ली पुलिस कर्मियों को राहत मिली है।
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