सिविल सर्जन अमित शुक्ला ने टीकमगढ़ जिला अस्पताल की संभाली कमान, मरीजों,गर्भवती महिलाओं को मिली राहत। डॉक्टर और कर्मी समयानुसार ड्यूटी पर होने लगे उपस्थित।
(प्रदीप खरे/टीकमगढ़) नौ बज गये क्या...? यह सवाल सुबह नौ बजते ही जिला अस्पताल के कर्मचारियों और डाक्टरों की जुबान पर सुनाई देने लगा है। इससे पहले जिला अस्पताल में डॉक्टरों और कर्मचारियों की लेटलतीफी, मरीजो को दुत्कारा जाना और धांधलेबाजी हो रही थी, पर अचानक लगे अंकुश ने मरीजों के चेहरों पर जहां मुस्कान ला दी है, वहीं लापरवाह कर्मचारियों और डाक्टरों की कार्रवाई की तलवार लटकने लगी है। यह सब यहां अचानक आये बदलाव के कारण संभव हो सका है। बताया जाता है कि यहां सिविल सर्जन डाक्टर अमित शुक्ला के प्रभारी बनते ही अस्पताल का काया कल्प होता नजर आने लगा है। अल्प समय में ही अचानक आये बदलाव से लोगों ने राहत की सांस ली है। सिविल सर्जन डां अमित शुक्ला टीकमगढ़ के लिये वरदान साबित हुये हैं। पूर्व में हुये उनके तबादले के दौरान आम जनता द्वारा किये गये विरोध को देखते उनकी लोकप्रियता का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। डाक्टर अमित शुक्ला को सिविल सर्जन का प्रभार मिलते ही अस्पताल में चलने वाली गड़बडिय़ों पर जहां विराम लगा है, वहीं कर्मचारियों ने समय पर जिला अस्पताल आना सीख लिया है। श्री शुक्ला जहां अनुशासित कर्मचारियों एवं डाक्टरों की प्रशंसा करने से नहीं चूकते, वहीं लापरवाही करने वालों को नोटिस जारी कर हिदायत दे रहे हैं। वह स्वयं भी समय पर अस्पताल पहुंचते हैं और नौ बजते ही सभी डाक्टरों के कक्षों का भ्रमण करते हैं। जिला अस्पताल की साफ-सफाई और मरीजों के पलंगों आदि का रख रखाव ठीक तरीके से किया जाने लगा है। प्रसव के बाद अब महिलाओं को लड्डू मिलने लगे हैं यहां चौंकाने वाली बात तो यह है, कि शासन द्वारा प्रसव पश्चात महिलाओं को लड्डू देने के निर्देश करीब दो साल पहले दिये गये थे, लेकिन यह सुविधा अब तक महिलाओं को नहीं दी जा रही थी। डां शुक्ला के प्रभारी सिविल सर्जन बनने के बाद से ही अब यह सुविधा लागू कर दी गई है। डॉ शुक्ला ने बताया कि जिला अस्पताल की सफाई व्यवस्था सहित अन्य सुविधाओं को बेहतर बनाया गया है। इसके साथ ही एक और आक्सीजन प्लांट की अनुमति मिल गई है। जल्दी ही यहां दूसरा प्लांट लगाया जाएगा। सूत्रों की मानें तो इस प्लांट को उद्धाटन आगामी 15 अगस्त को किया जा सकता है। दूसरी ओर पर्यावरण को देखते हुए जिला अस्पताल परिसर में लगभग सौ से अधिक पौधों को रोपण किया गया।जिनमे आम, बेल, महुआ, आंवला, नीम, पीपल, बरगद सहित अन्य पौधे लगाये हैं। उनकी उचित देखभाल की जिम्मेदारी गुलाब यादव कर्मी को सौंपी गई है।
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