2100 देकर तीसरी पास कबाड़ी बन गया पत्रकार,260 प्रेस कार्ड को इलाके में बेच चुका है संस्थान,5 लोग गिरफ्तार दिल्ली का सपादक भी वांछित।
(आईएनएस मीडिया)लॉकडाउन में प्रेस का कार्ड लेकर पुलिस प्रशासन और लोगों पर रौब गांठने वालों की कमी नही है। किसी भी मीडिया संस्थान के मालिकों को कथित फीस देकर कई फर्जी लोग कार में स्टिकर लगाए घूमते हुए मिल जाएंगे और कई जगह वो फर्जी असली पत्रकार लगेंगे और मजीठिया और सैलरी का मारा असली पत्रकार फर्जी लगेगा।अपने आसपास देखोगे तो कई मीडिया मालिक उन फर्जी पत्रकारों की गुलामी कर रहे होते हैं।
इसी तरह का मामला उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में हुआ जहा एक तीसरी पास कबाड़ी ने बाकायदा 2100 रुपये की फीस देकर प्रेस कार्ड बनवाया और गाड़ी में लोगो/स्टीकर लगाकर गले में “पत्रकार” का आई कार्ड डालकर लाॅकडाउन मे घूम रहा था,पुलिस ने जब पकड़ा तो किदवई नगर निवासी सलमान अपने को पत्रकार बताकर पुलिस पर दबाव बनाने लगा पुलिस पकड़कर उसे सिविल लाइन थाने ले गई उसकी पैरवी करने सतेंद्र सैनी अपने साथियों के साथ पहुंचा पुलिस को उन सबके पत्रकार होने पर शक हुआ।जांच-पड़ताल के बाद सलमान व सतेंद्र के साथ चंद्रभान, सुरेंद्र ,अमित व प्रवेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की जानकारी के अनुसार सलमान ने सतेंद्र को 2100 रुपए देकर “दिल्ली क्राइम” का आई कार्ड, प्रेस का लोगों/स्टीकर लिया था, सतेंद्र व उसके साथियों ने जिले के करीब 260 लोगों से 2100-2100 रुपए लेकर उन्हे “पत्रकार” बनाया व प्रेस कार्ड बांटे हैं। पुलिस इस सबकी भी जांच-पड़ताल कर रही है।
इस मामले में जिले के एस एस पी अभिषेक यादव ने बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस करके बताया कि जिन कथित “पत्रकारों” को पकड़ा उनमें कोई पंचर वाला,कोई कपड़े प्रेस वाला तो कोई रिक्शा चालक निकला। इनमें से ज्यादातर कथित पत्रकार कक्षा 3 से कक्षा 5 तक ही पढ़े निकले। पुलिस ने दिल्ली से प्रकाशित अखबार “दिल्ली क्राइम” के संपादक को भी आरोपी बनाया है। read on www.insmedia.org