यूपी के औरैया जिले में हादसे में 24 प्रवासी मजदूरों की दर्दनाक मौत, 7 दिन में 70 से अधिक मजदूर मौत का शिकार हुए ।
(आईएनएस मीडिया) इस देश मे अगर सस्ती है तो वो मजदूर,किसान या गरीब की जान है, परिवार वालो को मौत के बाद मिलती है पोस्टमार्टम हुई बॉडी और नेताओ को मिलती हैं राजनीतिक बयानबाज़ी और मौत के आंकड़े जो बाद में फाइलों में दफन हो जाते हैं गौरतलब है कि भारत में लॉकडाउन के चलते दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूर लगातार हादसों का शिकार हो रहे हैं।कही ट्रेनों से कट रहे हैं तो कहीं सड़को पर शिकार बन रहे है देश भर में पिछले एक हफ्ते 70 से अधिक मजदूर हादसों में जान गंवा चुके हैं।
ताजा मामला यूपी के औरैया जिले में हुआ जहा दिल्ली-कोलकाता हाईवे पर एक ढाबे के पास चाय पीने को रुकी मजदूरों से भरी एक डीसीएम गाड़ी में एक ट्रॉले ने टक्कर मार दी। इस हादसे में करीब 24 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 22 लोगों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वही दूसरा हादसा मध्यप्रदेश के सागर जिले में बंडा में हुआ जिसमे ट्रक के पलटने से 5 मजदूरों की मौत हो गई है।जानकारी के अनुसार ये मजदूर महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश जा रहे थे।
इसी तरह मध्यप्रदेश के गुना में एक ट्रक और बस की टक्कर होने से आठ मजदूरों की मौत हो गई सभी मृतक मजदूर महाराष्ट्र से अपने गृह राज्य बिहार और उत्तर प्रदेश जा रहे थे।
यूपी के मुजफ्फरनगर जिले में रोहाना टोल प्लाजा के पास एक रोडवेज बस ने पैदल जा रहे मजदूरों को कुचल दिया। इस हादसे में छह मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। मृतक और घायल मजदूर बिहार प्रांत के जनपद गोपालगंज के थे।
एक अन्य हादसे में महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में आठ मई को एक मालगाड़ी की चपेट में आने के बाद 16 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई। ये मजदूर रेल की पटरियों के किनारे चल रहे थे और थकान के कारण पटरियों पर ही सो गए थे। ट्रेन ने सुबह सवा पांच बजे उन्हें कुचल दिया। प्रवासी मजदूरों की मौत के मामले तेलांगना,मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में हुए जहा मजदूरों के हिस्से घर की जगह मौत हाथ आई और सरकारी तंत्र को आंकड़ों का कागज दे गई। read on www.insmedia.org