दिल्ली की जनता हेवीवेट उम्मीदवार को ही हराती है, जनता की नब्ज पहचानो।
दिल्ली की जनता हेवीवेट उम्मीदवार को ही हराती है, जनता की नब्ज पहचानो।
दिल्ली विस चुनाव का काउंट डाउन शुरू हो गुण है, दिल्ली की जनता की खासियत समझ लो या लतियाने की आदत समझ लो वो सिर्फ बेताज बादशाहों को ही तख़्त से गिराती है और नोसखियो या किड्स टाइप के नेताओ को जिताती हैं।
दिल्ली की राजनीति में कभी एच के एल भगत की तूती बोला करती थी दिल्ली की राज नीति में कई नेता इनकी ड्योढ़ी की ही देन थी वो चाहे राम बाबू शर्मा हो,अरविंदर लवली हो,डॉ वालिया हो ऐसे दर्जनों नेताओ को बनाने वाले भगत जी थे जिन्हें बेताज बादशाह का खिताब भी मिला था लेकिन आज लोग उनके नाम से भी कतराते हैं जो कभी टिकटों को बाटा करते थे खुद उनके लड़के को पार्षद तक का भी टिकट नही मिला,इसी तरह शीला दीक्षित के लिए कहा जाता था कि ये विकास की देवी है दिल्ली में इन्हें कोई नही हरा सकता लेकिन जब जनता अपनी पर आई तो की इनकी भी धुलाई इसी तरह विकास पुरुष के नाम से डॉ वालिया का नाम भी आता था कहा जाता था कि इन्हें कोई नही मात दे सकता परन्तु ये ही दिल्ली की जनता है उन्हें हरा दिया ऐसे कई उदाहरण है जिनके नामो से तूती बोला करती थी किरण बेदी,राज कुमार चौहान,संदीप दीक्षित, करण सिंह तंवर जैसे दर्जनों उदाहरण है जिनको कम हेवीवेट वाले उम्मीदवारों ने शिकस्त दी।
इसलिए नेताओ जनता की नब्ज पहचानो जीत पार्टी से नही जनता की भलाई से होनी है।