नोएडा। श्रीराम मित्र मण्डल द्वारा आयोजित रामलीला मंचन के छठवें दिन उत्तर प्रदेश ग्रामीण अभियंत्रण बोर्ड के सलाहकार एवं राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त राकेश यादव ने दीप प्रज्जवलित कर रामलीला का शुभारंभ किया। भगवान राम गंगा तट पर पहुंचकर केवट से नाव मांगते हैं। लेकिन केवट नाव नहीं लाता हैं और कहता है कि प्रभु में आपके मर्म को जानता हूं जिस तरह आपके चरण रज का स्पर्श पाते ही पत्थर की शिला सुन्दर नारी बन गई अगर मेरी नाव भी स्त्री बन गई तो मेरी रोजी रोटी चली जायेगी। यदि आपको गंगा के पार उतरना हैं तो मुझे अपने पैर धोने दे प्रभु। यह कहकर वह प्रभु के चरण धोने लगता हैं।
चरण धोने के बाद अपने परिवार सहित चरणोदक
को पीकर भगवान राम को सीता व लक्ष्मण सहित गंगा के पार उतार देता हैं।
भगवान राम, सीता, लक्ष्मण व निषाद राज के साथ प्रयागराज में भारद्वाज मुनि
के आश्रम पहुंचते हैं वहां ठहरने के पश्चात मुनि से विदा लेकर चित्रकुट में
वाल्मीकि जी के आश्रम में पहुंचते हैं जहां पर भरत, सुमंत्र, शत्रुध्न व
मां कैकई के साथ राम को मनाने पहुंचते हैं लेकिन राम पिता की आज्ञा के कारण
वन से अयोध्या वापस नहीं जाते तब भरत उनकी चरण पादुका लेकर अयोध्या वापस आ
जाते हैं। भगवान श्रीराम भ्राता लक्ष्मण व सीता के साथ पंचवटी में पहुंचते
हैं। वहां पर रावण की बहन सूर्पणखा आती हैं। वह कामातुर होकर राम व
लक्ष्मण से विवाह के लिए कहती हैं उनके मना करने पर वह भयंकर रूप धारण कर
लेती हैं। क्रोध में लक्ष्मण जी उसके नाक-कान काट लेते हैं यह सब सुनकर खर,
दूषण, त्रिसरा आये और उन्होंने राम व लक्ष्मण के साथ युद्व किया। जिसमें
भगवान श्रीराम ने उन तीनों को मारकर अपने परम धाम पहुंचा दिया। इसी के साथ
छठवें दिन की लीला का समापन होता हैं। आज रावण सभा, मारिच वध सीता हरण,
बाली वध आदि लीलाओं का मंचन किया जायेगा।
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