नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने जजों की नियुक्ति के मामले में मोदी सरकार को झटका दिया है। नेशनल जूडिसरी अप्वाइंटमेंट कमिशन (एनजेएसी) को आज उच्चतम न्यायालय ने असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया। कोर्ट ने पुराने कॉलेजियम को ही बहाल रखने का फैसला सुनाया है।
गौरतलब है कि पिछले 22 साल से सुप्रीम
कोर्ट का कोलेजियम जजों की नियुक्तियां करता रहा है। सरकार के आयोग बनाए
जाने के बाद करीब 400 जजों की नियुक्तियां रुकी पड़ी हैं। आयोग बनाने जाने
के बाद कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई थीं और कहा गया था कि ये
सिस्टम न्यायपालिका की आजादी में दखल है और गैरसंवैधानिक है, इसलिए इसे
रद्द किया जाना चाहिए। जबकि केन्द्र सरकार का कहना है कि यह सिस्टम
कोलेजियम से कहीं ज्यादा पारदर्शी है और किसी भी सूरत में न्यायपालिका की
आजादी में दखल नहीं है। मामले की सुनवाई अप्रैल से लेकर अगस्त तक में कुल
32 दिन तक चली। इस फैसले पर सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण ने कहा
कि सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसले में संवैधानिक संशोधन कानून रद्द कर दिया
है। इसे गैर संवेधानिक करार दिया है। कॉलोजियम सिस्टम लागू रहेगा। बीजेपी
सरकार ने इसे विरोध के बावजूद संसद में पास कराया था।
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