नई दिल्ली। मशहूर गजल गायक गुलाम अली को पहले महाराष्ट्र सरकार द्वारा मुम्बई में कार्यक्रम करने की इजाजत देना और फिर शिवसेना के दबाव में उसे स्थगित कर देना एक कलाकार का अपमान है। किसी कलाकार को सिर्फ इस आधार पर उसे अपनी कला का प्रदर्शन करने से रोकना कि वो किसी दूसरे मुल्क से ताल्लुक रखते हैं, यह ना केवल कला जगत बल्कि अपने साहित्य और संस्कृति का अपमान भी है।
पाकिस्तानी गजल गायक गुलाम अली भारत के ही
मशहूर गजल गायक स्व. जगजीत सिंह की याद में ये कार्यक्रम मुम्बई में करने
वाले थे, शिवसेना का ये विरोध मशहूर भारतीय गज़़ल गायक स्व. जगजीत सिंह का
भी अपमान है। अगर शिवसेना और बीजेपी पाकिस्तानी नुमाइंदों के इतना ही विरोध
में हैं तो फिर क्यों मई 2014 में बीजेपी समर्थित एनडीएन सरकार ने
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की मौजूदगी में शपथ ली? महाराष्ट्र की
बीजेपी-शिवसेना सरकार को पहले इस बात का जवाब देना चाहिए और बाद में
कलाकारों पर टिका-टिप्पणी करनी चाहिए। आम आदमी पार्टी का यह मानना है कि
कला-साहित्य के प्रचार-प्रसार को मुल्कों की सरहदों के बींच नहीं बांटना
चाहिए।
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