नोएडा। परिवहन विभाग अब चालकों लाईसेंस देने से पहले ड्राईविंग टेस्ट के लिए माडर्न ट्रैक की योजना पर काम कर रहा है। जिसके लिए 2 एकड़ जमीन की आवश्यकता पड़ेगी। इस तरह से जिले में देश का दूसरा और एनसीआर का पहला हाईटेक परिवहन कार्यालय नोएडा में खोला जाएगा। जिसकी तैयारी उत्तर प्रदेश परिवहन आयुक्त की ओर से शुरू कर दी गई है।
नोएडा से पहले इस तरह का आटोमैटिक
ड्राईविंग टेस्ट ट्रैक बंैग्लौर में है। ऐसे में गौतमबुध्द नगर का परिवहन
कार्यालय एनसीआर का पहला कार्यालय होगा। जिसके तहत आटोमैटिक ट्रैकिंग
सिस्टम और सार्टिफिकेशन सेंटर तैयार होगा। परिवहन अधिकारियों के मुताबिक
हाईटैक कार्यालय होने के बाद मैन्यूअल प्रक्रिया पूरी तरह से समाप्त हो
जाएगी। इसमें ड्राइविंग लाइसेंस लेने वालों को मैन्यूअल टेस्ट नहीं देना
पड़ेगा। वह लिखित टेस्ट के लिए सवालों के जवाब सिर्फ जुबान से देने होंगे।
वह कंप्यूटर में अपने आप फीड हो जाएगा। जवाब पूरे होने के बाद परिवहन
अधिकारी की ओर से व्यक्ति को एक वाहन उपलब्ध करवा कर टेस्टिंग ट्रैक पर
छोड़ दिया जाएगा। ट्रैक पर उसके वाहन चलाने की स्टाइल को ट्रैक पर लगे
सेंसर कैच करेंगे। इसके साथ ही वाहन चलाक की गलतियां सेंसर के
जरिये कंप्यूटर पर आटोमैटिक ही फीड हो जाएंगी। जिसके बाद उस व्यक्ति को यह
बता दिया जाएगा कि वह टेस्ट में पास हुआ कि नहीं, उसके बाद ही उसका लाइसेंस
बन सकेगा। गलतियां होने पर उसे दूर करने के बाद कार्यालय पर संपर्क के लिए
बुलाया जाएगा। ठीक इसी प्रकार से सर्टिफिकेशन सेंटर का काम आटोमैटिक होगा।
जिस भी वाहन को फिटनेस दिया जाना है, वह मैन्युअल होगा। फिटनेस सेंटर पर
पहुंचते ही कंप्यूटर सिस्टम बता देगा कि वाहन कितना प्रदूषण दे रहा है,
वाहन सड़क पर चलने लायक है भी या नहीं या पूरी तरह से कंडम हो चुका है।
इसके बाद आटोमैटिक सर्टिफिकेट जारी हो जाएगा।
|