लखनऊ। नौकरशाहों, जनप्रतिनिधियों, न्यायापालिका और सरकारी खजाने से वेतन व लाभ पाने वाले लोगों को अपने बच्चों को परिषदीय स्कूलों में पढ़ाने के हाईकोर्ट के आदेश का राज्य सरकार पूरी तरह अनुपालन करेगी। बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने इस सिलसिले में सभी सांसदों, विधायकों, राजनीतिक दलों के प्रदेश अध्यक्षों व महासचिवों, स्थानीय नगरीय निकायों व पंचायतों के प्रतिनिधियों, आइएएस, आइपीएस, पीसीएस, पीपीएस एसोसिएशन के अध्यक्षों व सचिवों, राज्य कर्मचारियों के संगठनों, सेंट्रल व स्टेट बार एसोसिएशन को पत्र लिखा है। पत्र के माध्यम से उन्होंने हाई कोर्ट के आदेश के अनुपालन के लिए सहयोग, समर्थन और सुझाव मांगा है। इस तथ्य को शीर्ष प्राथमिकता देते हुए कि शासन-प्रशासन में बैठे लोक सेवकों, जनप्रतिनिधियों और समाज के सभी वर्गों के बच्चे परिषदीय स्कूलों में पढऩे के लिए भेजे जाएं।
पत्र में उन्होंने कहा है कि शिक्षकों, लोक
सेवकों, जनप्रतिनिधियों और बुद्धिजीवियों की उदासीनता और कर्तव्य से विमुख
होने के कारण ही हाई कोर्ट को यह आदेश देना पड़ा है। बेसिक शिक्षा मंत्री
के रूप में उन्हें न सिर्फ इस आदेश का पूरी तरह पालन कराना है बल्कि तय
समयावधि में अनुपालन से भी सूचित कराना है। उन्होंने इस बात पर चिंता जतायी
है कि बेसिक शिक्षा पर अधिकतम संसाधन खर्च करने के बावजूद अभिभावक परिषदीय
स्कूलों में अपने बच्चों को भेजने को तैयार नहीं हैं।
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