भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10वें विश्व हिंदी सम्मेलन की शुरुआत की। विश्व हिंदी सम्मेलन देश में 32 साल बाद हो रहा है। भोपाल में ये आयोजन विदेश मंत्रालय और मध्यप्रदेश सरकार मिलकर कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि भाषा लुप्त होने पर
उसकी कीमत पता चलती है और संकट पैदा होते हैं। प्राणियों की तरह भाषा का
मूल्य है, इसलिए विरासत को बचाना पीढ़ी का दायित्व है। पक्षी-पौधे की तरह
भाषा को भी बचाएं। उन्होंने कहा कि देश में हिंदी भाषा का आंदोलन उन
लोगों ने चलाया है जिनकी भाषा हिंदी नहीं थी। अगर मुझे हिंदी नहीं आती तो
मेरा क्या होता, मैं लोगों से संपर्क कैसे रखता। जिनकी मातृभाषा हिंदी नहीं
थी उन्होंने हिंदी के उत्थान के लिए काम किया। मोदी ने कहा कि जिस
प्रकार से दुनिया तेजी से बदल रही है, 21वीं सदी का अंत होते-होते दुनिया
की 6000 भाषाओं में से 90 फीसदी के लुप्त होने की संभावना जताई जा चुकी है।
इसलिए हमें हिंदी के संरक्षण करना चाहिए और इसे समृद्ध बनाना चाहिए। सम्मेलन
में लगभग 27 देशों के हिन्दी विद्वान हिस्सा ले रहे हैं. देश विदेश में
हिन्दी के प्रचार-प्रसार में अहम भूमिका निभाने वाले बॉलीवुड के सितारों से
आमतौर पर परहेज करने वाले विश्व हिन्दी सम्मेलन में इस बार मशहूर अभिनेता
अमिताभ बच्चन को न सिर्फ आमंत्रित किया गया है बल्कि वह \'अच्छी हिन्दी कैसे
बोलें विषय पर व्याख्यान भी देंगे।
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