यमुना एक्सप्रेस-वे। किसानों को 64.7 फीसदी अतिरिक्त मुआवजा दिए जाने के लिए प्राधिकरण ने फंड जुटाना शुरू कर दिया है। सबसे पहले प्राधिकरण की पहली आवासीय भूखंडों की योजना के आवंटियों पर इसका भार डाला गया है। यह बात दीगर है कि 75 फीसदी राशि मय ब्याज के रकम जमा करने के बाद भी इन आवंटियों को अभी तक कब्जा नहीं मिल सका है, जबकि दो साल पूर्व ही कब्जा मिल जाना चाहिए था।
प्राधिकरण ने इस योजना के 21 हजार आवंटियों
को डिमांड नोट जारी कर दिया है। जिसमें उन पर 1330 रुपए प्रति वर्गमीटर
अतिरिक्त भार डाला गया है। इस योजना में क्रमश: 300, 500 व 1000 वर्गमीटर
के भूखंड आवंटित किए गए थे। प्राधिकरण ने आवंटियों को भेजे डिमांड नोट में
कहा कि शासन के पत्र संख्या-1055/77-3-14-6सी दिनांक 29.6.2014 के द्वारा
प्राधिकरण को निर्देशित किया गया है कि भू-अर्जन से प्रभावित कुछ किसानों
को 64.7 प्रतिशत प्रतिकर के समतुल्य धनराशि प्रतिकर के रूप में दी जाए,
जिसकी प्रतिपूर्ति संबंधित आवंटियों से अनुपातिक रूप से की जाए। डिमांड
नोट में हवाला दिया गया है कि शासन के निर्देशों के क्रम में प्राधिकरण
बोर्ड की 51वीं बैठक में आवासीय योजना के आवंटियों से 1330 रुपए प्रतिवर्ग
मीटर अतिरिक्त देय के रूप में लेने का फैसला लिया गया है। उसी के आधार पर
डिमांड नोट भेजे गए हैं। गनीमत यह है कि बढ़ी हुई राशि को चार छमाही
किस्तों में जमा करने की सुविधा आवंटियों को दी गई है। पहली किस्त आगामी 19
अक्टूबर को देय होगी। डिमांड नोट में डिमांड के साथ-साथ आवंटियों को यह भी
विकल्प दिया गया है कि यदि आवंटी प्राधिकरण के इस फैसले से सहमत नहीं हैं
तो वह 90 दिन के अंदर भूखंड को सरेंडर कर छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर
से अपनी जमा धनराशि वापस ले सकते हैं। यदि किसी आवंटी ने एकमुश्त लीज रेंट
जमा कर रखा है तो वह भी लीज सरेंडर के बीच की अवधि को छोड़कर शेष अवधि
लीजरेंट भी वापस ले सकता है।
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