नोएडा। नोएडा प्राधिकरण ने ठेकेदारी में पारदर्शिता लाने के लिए अब ई-टेंडरिंग निविदा में 10 लाख रुपये से घटाकर 5 लाख तक के टेंडरों को ई-टेंडरिंग तक ला दिया है। प्राधिकरण के इस कदम से ठेकेदारों में हड़कंप मच गया है। क्योंकि छोटे ठेकों में जल्दी काम कर ठेकेदार आगे बढ़ जाते थे।
मगर अब उन्हें पूरी प्रणाली अपनानी
पड़ेगी। कुछ जानकार कहते हैं कि ई-प्रणाली होने से विकास कार्यों पर
प्रभाव पड़ेगा क्योंकि कुछ कार्यों को कराने के लिए प्राधिकरण आनन-फानन में
ठेकेदारों को कहकर कराता था। बड़े विकास कार्यों के लिए ई-प्रणाली बेहतर
है। लेकिन अब छोटे-छोटे काम के लिए भी समय लगेगा। वहीं प्राधिकरण
अधिकारियों का तर्क है कि प्रणाली लागू होने से बेहतर बेहतर विकास कार्य
कराने के लिए अब पांच लाख तक के विकास कार्यो का टेंडर भी ई-टेंडरिंग के
जरिए किए जाने का निर्णय लिया है। अब तक दस लाख रुपये से अधिक व्यय से होने
वाले कार्यो को कराने के लिए एजेंसी का चयन ई-टेंडरिंग के जरिए किया जाता
था। अब इस सीमा को कम करके पांच लाख कर दिया गया है। बुधवार को प्राधिकरण
के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने आदेश जारी किए। उल्लेखनीय है कि
प्राधिकरण के इस निर्णय के बाद सिफारिशी ठेकेदारों में कमी आएगी। क्योंकि
कुछ ऐसे ठेकेदार थे जो नेताओं से सिफारिश लगवाकर ठेका लेते थे और फिर उसे
किसी और को अपना कमीशन लेकर दे देते थे।
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