अहमदाबाद। गुजरात में आरक्षण की मांग को लेकर पटेल समुदाय अहमदाबाद में मेगा रैली कर रहा है। समुदाय के नेता हार्दिक पटेल का दावा है कि इस रैली में करीब 25 लाख शामिल हुए हैं। आंदोलन का अगुवाई कर रहे हार्दिक पटेल ने कहा 1998 में कांग्रेस को उखाड़ फेंका था अब 2017 आने वाला है और चुनाव फिर होंगे। जो हमारी बात नहीं मानेगा उसे उखाड़ फेंकेंगे। साफ है कि 2017 में हम कमल को भी उखाड़ सकते हैं। अपने हैं इसलिए प्यार से हक मांगने निकले हैं नहीं तो, आवाज ओबामा तक पहुंचनी चाहिए। गुजरात में केवल एक करोड़ 20 लाख हैं लेकिन हिंदुस्तान में हमारी तादाद 50 करोड़ है। हम 25 अगस्त को क्रांति दिवस बना देंगे।
हार्दिक पटेल ने कहा हम जहां निकलते हैं
वहां क्रांति शुरू हो जाती है। हम लव-कुश के वंशज हैं। चाहे 14 साल का
वनवास क्यों न हो हम पीछे नहीं जा सकते। सरकार कहती है कि सुप्रीम कोर्ट के
आदेश के मुताबिक हमें आरक्षण नहीं मिल सकता लेकिन हम कहते हैं कि अगर एक
आतंकवादी के लिए रात को तीन बजे सुप्रीम कोर्ट खुल सकता है तो हमारे लिए
क्यों नहीं। हार्दिक ने कहा- हम किसी के साथ गद्दारी नहीं कर सकते।
कांग्रेस और बीजेपी दोनों कह रही हैं कि हमारा आंदोलन उनकी देन है लेकिन यह
सही नहीं है। जो पाटीदारों की बात करेगा वही गुजरात पर राज करेगा। आज का
दिन पाटीदार क्रांति का दिन है। हम हर साल इसे इसी रूप में मनाएंगे। हमने
गुजरात और केंद्र में सरकारें बनाई हैं लेकिन जब हमारे हक की बात आती है तो
सब मुंह मोडऩे लगते हैं। हम भीख नहीं केवल अपना हक मांग रहे हैं। हमें
सुप्रीम कोर्ट से मतलब नहीं हम तो केवल अपना हक मांग रहे हैं। जब तक नहीं
मिलता, पीछे नहीं हटेंगे। हम पार्टी नहीं पाटीदार हैं। ये 100 मीटर की
दौड़ नहीं है ये तो मैरॉथन है। नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू भी हमारे
हैं। गुजरात के 6 हजार किसानों ने खुदकुशी की है अब अगर किसी किसान ने
खुदकुशी की तो इसके लिए जिम्मेदार सरकार होगी। हम किसी का विरोध नहीं करते।
सरदार पटेल अगर देश के पहले पीएम बनते तो हालात कुछ और होते। पटेल की बड़ी
मूर्ति लगाकर लोग राजनीति कर रहे हैं। हम सबका साथ सबका विकास के साथ हैं
और इसीलिए बराबरी चाहते हैं। सरकार मिलने बुला रही है आप बताइए कि क्या
मिलने जाएं। जिस स्तर का केजरीवाल ने किया है वैसा कुछ करेंगे। अब कोई
रावण लंका में नहीं बचेगा। हम भीख नहीं हक मांग रहे हैं। सरदार के संस्कार
आज भी हमारे अंदर है। एक पटेल ने देश को एक किया, हम तो 50 लाख हैं। पहले
आंदोलन सफल नहीं हुए क्यों? क्योंकि वे पॉलिटिकल फायदे के लिए चलाए जा रहे
थे। इस आंदोलन को युवा पीढ़ी चला रही है।
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