नोएडा। आर्य गुरुकुल द्वारा आयोजित श्रावणी महोत्सव के आखिरी दिन रविवार को जिलाधिकारी एनपी सिंह ने कहा कि पाश्चात्य विद्वानों ने संस्कृति की गलत व्याख्या की है। उन्हें पढ़कर लगता है कि भारत में सिर्फ मदारी और काल्पनिक दुनिया में रहने वाले लोग रहते हैं, जबकि वेद, उपनिषद और अन्य ग्रंथों की मान्यताएं आधुनिक विज्ञान में सिद्ध हो चुकी हैं। देश में गुरुकुलों को बढ़ावा देने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि वैदिक संस्कृति सबसे
पुरानी है और इसने सभी को रास्ता दिखाया है। हमें पूरे देश को अपना परिवार
समझने की जरूरत है। छात्रों से मुखातिब होते हुए उन्होंने कहा कि आप वैदिक
संस्कृति का गहराई से अध्ययन करें और ब्रांड अंबेसडर बनें। मुख्य अतिथि डॉ.
योगानंद शास्त्री ने कहा कि भारतीय संस्कृति के उत्थान में आर्यसमाज ने
महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रात: राश कार्यक्रम का आयोजन किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रसिद्ध समाजसेवी एचपी परिहार ने की। वहीं संचालन
आचार्य डॉ. जयेंद्र कुमार ने किया। इस मौके पर स्वामी आर्यवेश, डॉ. वेदपाल
समेत अन्य लोग मौजूद थे।
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