नोएडा। देश में हर व्यक्ति को धर्म की स्वतंत्रता मिली हुई है। लेकिन जिस तरह से जैन धर्म के सलेखना/संथारा को आत्महत्या की श्रेणी में लाने का राजस्थान हाईकोर्ट ने फैसला दिया है। उसको लेकर जैन समाज ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
आज सेक्टर-27 स्थित जैन मंदिर से
जिलाधिकारी निवास तक रैली निकाली गई। इस रैली का नेतृत्व समग्र जैन समाज
नोएडा की ओर से किया गया। जिलाधिकारी को दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि
संथारा का उद्देश्य बिना समझे हाईकोर्ट ने फैसला दिया है। जो कि
अनुच्छेद-21 और 25 के विरूद्घ है। संथारा कोई आत्महत्या नहीं बल्कि
अंतिम समय तक धर्म साधना करना है। व्यक्ति मृत्यु की कल्पना करने से विचलित
होने के स्थान पर साधना करता है। इसे आत्महत्या कहा जाना गलत है। संथारा
एक व्रत की श्रेणी में आता है और व्यक्ति उसे अपने इच्छानुसार ही करता है।
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