लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सौर उर्जा उत्पादन पर ज्यादा से ज्यादा तवज्जो देने की जरूरत बताते हुए कहा कि तमाम सीमाओं के बावजूद सरकार इस \'सबसे भरोसेमंद उर्जा क्षेत्र╙ को बढ़ावा देने के लिये प्रयासरत है।
मुख्यमंत्री ने यहां यूपीनेडा द्वारा
आयोजित कार्यक्रम में कहा कि देश के कुछ अन्य राज्य सौर उर्जा क्षेत्र में
बहुत तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। उत्तर प्रदेश भी आगे बढऩा चाहता है लेकिन
उसके बजट की एक सीमा है। आने वाले समय में हम कोशिश करेंगे कि इसे और तेजी
से आगे बढ़ाएं। सरकार ने इस क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिये बहुत से फैसले
किये हैं। उन्होंने कहा कि जैसे दुनिया एसी से डीसी की तरफ आ रही है। अब
डीसी करंट एसी करंट को कब पीछे करेगा यह हमें और आपको तय करना है। दुनिया
में अगर इस मामले में जर्मनी आगे है, अमेरिका काफी अच्छा काम कर रहा है तो
भारत भी करे। उसमें भी उत्तर प्रदेश पीछे ना रहे। आबादी और बाजार के मामले
में देश में सबसे आगे उत्तर प्रदेश ही है। अखिलेश ने कहा कि प्रदेश में
सौर उर्जा उत्पादन के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर काम हुआ है। वर्ष 2013
में सौर उर्जा नीति के परिणामस्वरूप सबसे ज्यादा बुंदेलखण्ड में इस क्षेत्र
में निवेश हुआ है। जहां केन्द्र सरकार को सौर उर्जा संयंत्र लगाने के लिये
जमीन चाहिये थी, वह भी उपलब्ध करायी गयी। मुख्यमंत्री ने सौर उर्जा
उत्पादन की लागत काफी ज्यादा होने का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें लागत और
मुनाफा दोनों ही चीजें देखनी पड़ती है। अभी दो गांवों को ही 24 घंटे सौर
उर्जा सुविधा से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि लोग बहुत तेजी से सौर उर्जा
के इस्तेमाल के प्रति जागरुक हुए हैं। अब बड़ी संख्या में भवनों की छतों
पर सौर उर्जा के पैनल दिखायी देते हैं। अखिलेश ने कहा कि बड़े उर्जा
संयंत्र स्थापित करने में कई वर्ष लग जाते हैं। केन्द्र सरकार की कई
कम्पनियां हमें रूला रही हैं। अब भी उनका संयंत्र चालू नहीं हो पाया है।
दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति डाक्टर एपीजे अब्दुल कलाम का जिक्र करते हुए
अखिलेश ने कहा कि कलाम साहब की भी रुचि थी कि सौर उर्जा का ज्यादा से
ज्यादा उपयोग बढ़े। गांव के लोग बिजली का इंतजार क्यों करें। उन्होंने कहा
था कि इस क्षेत्र में बड़ा काम करें।
|