नई दिल्ली। जेट एयरवेज के बोइंग विमान में सवार 142 यात्री और चालक दल के आठ सदस्य 18 अगस्त को तब बाल-बाल बच गए, जब विमान का ईंधन आसमान में ही लगभग खत्म हो चुका था। यह विमान तिरूवंनपुरम में रिजर्व ईंधन के साथ उतरा। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने इस घटना को गंभीर करार दिया और पायलट को निलंबित कर दिया है। इसमें 142 यात्री और चालक दल के आठ सदस्य सवार थे। डीजीसीए सूत्रों ने बताया कि कोच्चि और तिरूवंनतपुरम के उपर छह चक्कर लगाने के बाद बोइंग 737-800 विमान में ईंधन \'रिजर्व╙ में था।
सूत्रों ने कहा कि तिरूवंनतपुर हवाई अड्डे
पर उतरने के वक्त विमान में केवल 270 किलो ईंधन बचा था जबकि वैकल्पिक ईंधन
के साथ विमान में 1500 किलो ईंधन होना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि अगर
बोइंग 737-800 को 10 मिनट और चलाया जाता तो 270 किलो ईंधन खत्म हो जाता। सूत्रों
ने बताया कि डीजीसीए ने विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) से मामले की
जांच करने को कहा है। एएआईबी डीजीसीए के मातहत काम करती है। यह घटना 18
अगस्त की है। नागर विमानन नियामक ने दो पायलटों को निलंबित कर दिया है और
उनके खिलाफ जांच लंबित है। जेट एयरवेज ने एक बयान में कहा है कि कोच्चि हवाई अड्डे पर कम दृश्यता की वजह से उड़ान को तिरूवंनतपुरम भेज दिया गया था।
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