लखनऊ। विगत दिनों आये हाईकोर्ट इलाहाबाद के आये फैसले से नेता, ब्यूरोक्रेट, सरकारी अफसर और कर्मचारियों के लिए बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाने को लेकर आदेश ने सरकार को काफी परेशान कर दिया है। बीजेपी, बसपा और कांग्रेस ने फौरी तौर पर इस फैसले का स्वागत किया है, लेकिन सपा अभी कुछ बोलने से बच रही है। बताया जा रहा है कि सरकार इस फैसले पर पुनर्विचार के लिए अपील करेगी।
वहीं
विपक्ष के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, सरकारी स्कूलों के शिक्षा
स्तर में बहुत गिरावट आई है। बेसिक शिक्षा भगवान भरोसे ही है। हाईकोर्ट के
आदेश का हम स्वागत करते हैं। बीजेपी नेता सुरेश खन्ना ने हाईकोर्ट के फैसले
को स्वागत योग्य बताया तो कांग्रेस नेता प्रदीप माथुर ने भी हाईकोर्ट के
फैसले पर खुशी जताई। इसके अलावा इस फैसले से जनता में भी काफी खुशी है,
लोगों का कहना है कि इससे ऊंच-नीच का भेदभाव हटेगा और शिक्षा प्रणाली सभी
के लिए एक सामान होगी। सूत्रों के मुताबिक हाईकोर्ट के ताजा फैसले से
सरकार परेशान है। सीएम से लेकर सभी मंत्रियों और नेताओं के बच्चे कॉन्वेंट
और प्राइवेट स्कूलों में पढ़ रहे हैं। दूसरे दलों के नेताओं के बच्चे भी
सरकारी स्कूलों में नहीं पढ़ते लेकिन फैसले को अमल में लाने की जिम्मेदारी
तो सरकार की है। सरकार फैसले की स्टडी के बाद पुनर्विचार की गुहार लगाएगी। आईएएस-आईपीएस
करें\"े मंथन : हाईकोर्ट के फैसले पर विचार करने के लिए आज आईएएस-आईपीएस
एसोसिएशन की बैठक हो\"ी। इसमें वह तय करें\"े कि हाईकोर्ट के फैसले पर कैसी
प्रतिक्रिया देनी है।
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