लखनऊ। समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि भाजपा अपनी पुरानी चालें फिर दुहरा रही हैं। उसकी एक जबान में सबका साथ, सबका विकास होता है तो अगले ही पल दूसरे कोने से सांप्रदायिकता का जहर राग सुनाई पडऩे लगता है।
भाजपा के दोहरे चरित्र के अनुकूल एक ओर
किसी समुदाय के प्रति हिंसा बर्दाश्त नहीं का खोखला नारा लगता है तो दूसरे
ही क्षण भाजपा के अंदर से ही भाजपा नेतृत्व को इस पर चुनौती मिलने लगती है।
लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उत्तर प्रदेश में मतदाताओं को झूठे सपने
दिखाकर जीत तो दर्ज करा ली लेकिन उसके झूठे वायदों की पोल साल भर में ही
खुल गई। जनता के बीच भाजपा के प्रति बढ़ते मोह भंग से कुंठित और निराशा
इसका नेतृत्व दिशाहीनता का शिकार हो गया है। उत्तर प्रदेश मेें मुख्यमंत्री
अखिलेश यादव सरकार की विकास गतिविधियों में तेजी से विपक्षी बुरी तरह
परेशान हैं। उन्हें कोई दूसरा रास्ता नहीं सूझ रहा है। इसलिए वे फिर जनता
में वैमनस्य बढ़ाने के लिए सांप्रदायिकता को बढ़ावा देना चाहते हैं। जहां तक उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और सरकार का सवाल है वह सांप्रदायिकता को किसी भी तरह बढऩे न देने के लिए प्रतिबद्ध है। अखिलेश
यादव ने प्रारम्भ से ही अपना ध्यान विकास कार्यों पर केन्द्रित किया है।
उनके समय में मेट्रो रेल परियोजना, समाजवादी पेंशन योजना, लखनऊ-आगरा
एक्सप्रेस वे जैसी परियोजनाओं पर तेजी से काम चल रहा है। नए बिजली घर,
अस्पताल और सड़क पुल बन रहे हैं। गंभीर रोगों का भी मुफ्त इलाज हो रहा है।
छात्र-छात्राओं को लैपटाप बॉटे जा रहे हैं। तीन सालों में समाजवादी सरकार
ने अपने ज्यादातर चुनावी वादे पूरे कर दिए हैं। इसके विपरीत केन्द्र सरकार
अपना एक भी चुनावी वादा नहीं निभा पाई है। वह खुद अपनी उपलब्धियों का
ब्यौरा नहीं दे पा रही है।
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