पटना। बहुत जोर-शोर से जनता परिवार की 6 पार्टियों के विलय की बात तो कही गई, लेकिन यह महागठबंधंन अपनी पहली ही चुनौती से पार नहीं पा रहा। बिहार चुनाव में लालू प्रसाद की पार्टी राजद और नीतीश की जेडीयू में समझौता नहीं हो पा रहा है।
दोनों दलों के बीच समझौता कराने की
जिम्मेदारी जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव को सौंपी गई है। दोनों पार्टियों में
असल पेच सीटों के बंटवारे को लेकर फंसा हुआ है। दरअसल बिहार में दोनों ही
पार्टियां लंबे समय तक एक-दूसरे के विरोध की राजनीति करती रही हैं। ऐसे में
बड़ा सवाल यह भी है कि बिहार चुनाव किसके नेतृत्व में लड़ा जाएगा। गठबंधंन
के तीसरे संभावित साथी कांग्रेस ने तो साफ कर दिया है कि मुख्यमंत्री पद
की दावेदारी नीतीश को ही पेश करनी चाहिए। शरद यादव दोनों दलों में समझौता
कराने की कोशिशों में जुटे हुए हैं। शरद यादव ने शुक्रवार को नीतीश से
मुलाकात की थी। शनिवार को वह लालू से भी मुलाकात कर रहे हैं. जब शरद
यादव से गठबंधन के बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा,\' गठबंधंन तो
होकर रहेगा, लेकिन तारीखों के बारे में अभी कुछ कहना ठीक नहीं है.\'
जानकारों के मुताबिक लालू भी नीतीश के नेतृत्व में चुनाव लडऩे का मन बना
चुके हैं, लेकिन वह ऐसा समझौता चाहते हैं जिसमें क्रछ्वष्ठ दूसरे नंबर की
पार्टी न लगे.
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