जन सूचना अधिकारी राकेश चौहान की बेटी वैशाली चौहान ने 10वीं की परीक्षा में उत्कर्ष प्रदर्शन करते हुए 10 में से 10 सीजीपीए हासिल की है। इस परिणाम के आने के बाद राकेश चौहान के घर में खुशी का माहौन बन गया है। उनकी बेटी 12वीं पास कर लेने के बाद कुछ बड़ा करना चाहती है।
नोएडा। रिजल्ट घोषित होने के बाद कम अंक
प्राप्त करने वाले छात्रों में आ रही हताशा को कम करने के लिए सीबीएसई ने
ग्रेडिंग सिस्टम को अपनाया है। इस सिस्टम में सबसे अच्छी बात यह है कि जो
बहुत अधिक पढऩे-लिखने वाले बच्चे हैं। उनके और एवरेज पढऩे वालों के बीच
अंको का ज्यादा अंतर नहीं रह गया है। बीते दिन 10वीं कक्षा के परिणाम
घोषित हो गए हैं। ज्यादातर लड़कियों ने ही बाजी मारी है। सीबीएसई हाईस्कूल
का रिजल्ट वैसे तो लंबे समय से ग्रेडिंग सिस्टम के तहत ही घोषित किया जा
रहा है, लेकिन इससे मेधावी छात्र-छात्रओं को नुकसान हो रहा है। शिक्षकों का
भी मानना है कि ग्रेडिंग सिस्टम से मेधावी छात्रों में एक-एक नंबर के लिए
प्रतियोगिता और क्रेज का भाव खत्म हो चुका है, जो कि उनके लिए अच्छा नहीं
है। वहीं, दूसरी तरफ इस सिस्टम से पढ़ाई में कमजोर छात्र-छात्रओं को
फायदा हो रहा है। कमजोर छात्रों को अब इस बात का भय नहीं रहता कि वह फेल हो
सकते हैं। ग्रेडिंग सिस्टम से छात्रों को सिर्फ यह पता चल पाता है कि उनके
अंकों का फीसद लगभग क्या है। इसका निर्धारण कुल मिले ग्रेड्स के बाद तय
किया जाता है। इनमें अंकों का सही-सही पता नहीं लग पाता, लेकिन यह जरूर
मालूम हो जाता है कि लगभग कितने फीसद अंक मिले हैं। सेंट्रल बोर्ड ऑफ
सेकेंड्री एजूकेशन (सीबीएसई) 10वीं कक्षा के परीक्षा परिणामों को जानने के
बाद छात्र खुश जरूर हुए, लेकिन मेधावी छात्रों का मनोबल गिरा हुआ नजर आया।
10 वीं के रिजल्ट को लेकर छात्र-छात्रओं में वह उत्साह नहीं दिखा जो
इंटरमीडिएट के छात्र-छात्रओं में था। हालांकि पिछले कई वर्षो से हाईस्कूल
का परीक्षा परिणाम इसी तरह घोषित किया जा रहा है।
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