भारतीय वायुसेना लड़ाकू विमानों की आपातकालीन लैंडिंग के लिए राष्ट्रीय राजमार्गों का उपयोग करने पर विचार कर रही है।
भारतीय वायुसेना ने 21 मई, 2015 को अपने मिराज-2000 विमान द्वारा इस क्षमता
का प्रदर्शन किया। इस विमान ने मध्य भारत स्थित भारतीय वायुसेना के किसी
हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी। हवाई यातायात नियंत्रण, सुरक्षा सेवा, बचाव
वाहन, पक्षी निकासी दलों जैसी सुविधाओं और अन्य जरूरतों को वायुसेना
केन्द्र आगरा से भारतीय वायुसेना कर्मियों द्वारा स्थापित किया गया था।
इसके बाद आगरा और मथुरा के जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षकों के साथ
समन्वय से चयनित स्ट्रैच की सक्रियता के लिए आवश्यक प्रबंध किए गए। इस
विमान ने लैंडिंग करने से पहले सौ मीटर की ऊंचाई से नीचे आते हुए राजमार्ग
पर अभ्यास किया। ये ऑपरेशंस उत्तर प्रदेश सरकार और यमुना एक्सप्रेसवे
प्राधिकरण, जेपी इंफ्राटैक के टोल प्राधिकारियों और पुलिस की सक्रिय सहायता
से आयोजित किए गए। भारतीय वायुसेना भविष्य में राजमार्गों पर ऐसे
स्ट्रैचों को क्रियाशील बनाने की योजना बना रही है।
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