नोएडा। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) ने बिजली बिल भुगतान उपभोक्ताओं से मनमाना बिल वसूलने पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। उपभोक्ताओं से उतना ही बिल लिया जाएगा, जितनी राशि उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग की ओर निर्धारित की गई है।
इसे तय करने के लिए कल बिल्डर-निवेशक की एक
साथ सेक्टर-6 स्थित इंदिरा गांधी कलां केंद्र में बैठक बुलाई गई है। जहां
पर दोनों अपनी-अपनी समस्याओं को मुख्यालय के अधिकारियों के समक्ष रखेंगे।
इसके बाद अधिकारी उपभोक्ताओं को उनके अधिकार और बिल्डर को उनकी सीमाओं से
अवगत कराएंगे। यह बात यूपीपीसीएल के अधीक्षण अभियंता अरविंद राजवेदी ने
संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कही। बृहस्पतिवार को सेक्टर-16 स्थित
पश्चिमांचल नगरीय विद्युत वितरण निगम कार्यालय पर एक पत्रकारवार्ता का
आयोजन किया, जिसमें बिजली निगम के अधीक्षण अभियंता अरविंद राजवेदी सहित
अधीशाषी अभियंता (आइटी) एपी सिंह ने बताया कि बिल्डर की ओर से उपभोक्ताओं
से निर्धारित राशि से अधिक बिजली बिल वसूली करने की शिकायत नियामक आयोग के
पास की गई है। इसके बाद यूपीपीसीएल के चेयरमैन ने मुद्दे को गंभीरता से
लेने को कहा है। इसके लिए बिजली निगम की ओर से सिंगल सर्किट पर बिजली
आपूर्ति उपभोक्ताओं को देने वाले बहुमंजिला इमारतों में रहने वाले या
कारोबार करने वाले या गु्रप हाउसिंग सोसायटी में रहने वाले लोगों से शिकायत
व सुझाव को ऑन लाइन मांगा है। इसके लिए निगम की ओर से एक वेबलिंक भी दिया
गया है। बिल्डरों पर कई बार गंभीर आरोप लगे हैं जिसमें बिजली का बिल
भुगतान करने के बावजूद उपभोक्ताओं का अन्य मद में भुगतान नहीं करने पर
बिजली का कनेक्शन तक कटवा देते हैं, जो नियमानुसार पूरी तरह से गलत है।
जबकि बिल्डर विभिन्न टैरिफ के हिसाब से अपने उपभोक्ताओं से न्यूनतम 5.25
रुपये से 6.80 रुपये प्रति यूनिट की राशि को वसूल सकते है। एचटी से एलटी
में लाइन आने पर होने वाले लाइन लॉस के रूप में यूनिट की राशि के हिसाब से
अधिकतम 10 फीसद राशि को बढ़ा कर वसूलने का प्रावधान है, लेकिन उपभोक्ताओं
से 13 से 16 रुपये से या इससे अधिक की वसूली की बात कही जा रही है।
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