ग्रेटर नोएडा। उत्तर प्रदेश में आए दिन परीक्षाओं के दौरान नकल करने वाले छात्र चर्चाओं में रहते हैं। उसमें शामिल अन्य लोगों के चलते प्रतिष्ठा भी दावं पर लगी रहती है। इस पर रोक लगाने के लिए प्रशासन की ओर से ठोस कदम उठाए जा रहे है। इसकी वजह से शिक्षा की गुणवत्ता खराब हो रही है। बोर्ड परीक्षा में नकल रोकने के लिए अनूठी पहल की जा रही है। उक्त बातें सार्वजनिक ब्यूरों के प्रुमख सचिव डा. सूर्य प्रताप सिंह
ने कही।
गौतमबुद्ध नगर में परीक्षा केंद्रों का
निरीक्षण करने पहुंचे डा. एसपी सिंह ने कहा कि प्रदेश में नकल माफिया का
जबरदस्त प्रभाव है। कई जनपदों में निरीक्षण के दौरान नकल माफिया हावी नजर
आया। उन्होंने कहा कि नकल की वजह से छात्रों को डिग्री तो मिल रही है।
लेकिन गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। बोर्ड परीक्षा में नकल रोकने के लिए
उन्होंने वास्ट संस्था गठित कर सविनय निवदेन अभियान की शुरुआत की है। उन्होंने
कहा कि शासन ने नकल रोकने के लिए स्पष्ट दिशा निर्देश दे रखे हैं। लेकिन
संकल्प के अभाव की वजह से नकल पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। उन्होंने कहा कि
बोर्ड परीक्षाओं को नकल विहीन बनाने के लिए सामूहिक कदम उठाने की जरूरत
है। नकल की वजह से मेधावी छात्रों का हौंसला टूटता है। उन्होंने कहा कि
नकल पर रोक लगाने के लिए नौकरी में भर्ती के लिए अंकों के बजाए प्रतियोगी
परीक्षा को आधार बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्राथमिक शिक्षकों की
भर्ती मेरिट के आधार पर भर्ती होने की वजह से अच्छे शिक्षक नहीं मिल पाए
हैं। इस मौके पर सीडीओ माखन लाल गुप्ता, सिटी मजिस्ट्रेट सतीश चंद्र
शुक्ला, डीआइओएस पीके उपाध्याय समेत कई अधिकारी मौजूद थे।
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