नई दिल्ली। जाट बिरादरी को आज सबसे बड़ा झटका लगा है। यूपीए सरकार द्वारा लाया गया जाट आरक्षण को सर्वोच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया है। कोर्ट ने इस पर टिप्प्णी करते कहा कि इसकी कोई जरूरत नहीं है। केवल जाति के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता। इसके अलावा केंद्रीय नौकरियों में जाटों को मिले आरक्षण को समाप्त कर दिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि जाट बिरादरी के लंबे
आंदोलनों के बाद पिछली सरकार ने जाते-जाते राजनीतिक लाभ के उद्देश्य से
जाट आरक्षण लागू कर दिया था। तुरत-फुरत में नौ राज्यों ने इसे लागू भी कर
दिया था। नई सरकार ने भी इसे जारी रखा था। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट
में याचिका डाली गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इन सभी राज्यों में जाटों को
आरक्षण को रद्द कर दिया। अब केन्द्रीय नौकरियों और दाखिले आदि में जाटों को
आरक्षण नहीं मिल सकेगा। परंतु नौ राज्यों में राज्य सरकार की नौकरियों में
आरक्षण जारी रहेगा।
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