नई दिल्ली। एनडीए सरकार द्वारा पेश भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ कांग्रेस अपना विरोध तेज करती जा रही है। इस मुद्दे को कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों द्वारा संसद में उठाया। उसके बाद कांग्रेसी सांसदों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। वहीं दूसरी संसद के बाहर सड़क पर भी कांग्रेसियों ने मार्च निकाला।
कांग्रेस इस बिल के खिलाफ मोदी सरकार को
घेरने में जुटी है। इस बिल का सरकार के कुछ सहयोगी दल भी विरोध कर रहे हैं।
इस लिए कांग्रेस और हमलावर हो गई है। कई राज्यों में भी भूमि अधिग्रहण बिल
का विरोध हो रहा है। पश्चिम बंगाल में जहां ममता बनर्जी की सरकार इसका
पूरजोर विरोध कर रही है वहीं बिहार में नीतीश कुमार ने भी इस बिल के खिलाफ
एक दिन का अनशन किया था। बिहार में ही लालू यादव ने इस बिल के खिलाफ रविवार
को पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन किया था। इसके लिए राजद के समर्थकों ने
अलग अलग शहरों में मार्च निकाले। वहीं, उत्तर पर्देश के मुख्यमंत्री
अखिलेश यादव ने भी कहा है कि सरकार द्वारा लाया गया यह बिल किसान विरोधी
है।र् ंराहुल जासूसी कांड पर संसद में तूफान, कांग्रेस का वॉकआउट नई
दिल्ली। राहुल गांधी की कथित जासूसी के मुद्दे पर संसद में तूफान मचा हुआ
है। इसे लकर हंगामा जारी है। उधर, दिल्ली पुलिस के कमिश्नर बी एस बस्सी ने
संसद पहुंचकर गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अफसरों और गृह राज्यमंत्री को इस बारे
में पूरी जानकारी दी है। खासतौर पर राज्यसभा में इसे लेकर कांग्रेस
आक्रामक रही। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा और गुलाम नबी आजाद ने सरकार की नीयत
पर सवाल उठाए। कांग्रेस नेताओं ने पूछा कि प्रोफार्मा भरवाए जाने का क्या
मकसद है। जवाब में अरुण जेटली ने कहा कि किसी की जासूसी नहीं की गई।
उन्होंने कहा कि 1987 से ही सुरक्षा जांच कराई जाती है। 1999 से प्रोफार्मा
भरवाया जा रहा है। लालकृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज और सोनिया गांधी जैसे
नेताओं की भी जानकारी ली गई है। पूर्व प्रधानमंत्रियों भी प्रोफार्मा भरा
था। जेटली ने कहा कि सुरक्ष के मामले पर राजनीति ना हो। इसे लेकर सदन में
स्थगन प्रस्ताव खारिज कर दिया गया। जवाब में कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट कर
दिया। दरअसल, कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी के दफ्तर में दिल्ली
पुलिस की पूछताछ से कांग्रेस बेहद खफा है उसने इसे जासूसी करार दिया है और
केंद्र सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस ने इस मुद्दे को काफी गंभीर बताते हुए
कहा है कि यह सिर्फ सुरक्षा समीक्षा या जासूसी का मसला नहीं है। यह
विपक्षी राजनेताओं की प्राइवेसी यानि निजता में घुसपैठ कर भारत को पुलिस
स्टेट में बदलने की कोशिश है जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। कांग्रेस का
कहना है कि उसने संसद के पिछले सत्र में भी अवैध तरीके से फोन टैप का मामला
उठाया था वहीं सरकार ने इससे साफ इनकार किया है और कहा है कि कांग्रेस
बिना बात के इसे मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही है। तो दिल्ली पुलिस ने भी
जासूसी की बात से इनकार किया है। राहुल का मामला संसद की विशेषाधिकार
समिति के सामने भी उठा है। विशेषाधिकार समिति पहले ही दिल्ली के पुलिस
कमिश्नर बीएस बस्सी को 18 मार्च को तलब कर चुकी है। लेकिन बस्सी आज अपने
अफसरों के साथ संसद पहुंच गए। वहीं एसपी सांसद नरेश अग्रवाल ने आरोप लगाया
है ये मामले सिर्फ राहुल गांधी बल्कि और नेताओं से भी जुड़ा है और देश में
तमाम नेताओं के फोन टेप किए जा रहे हैं।
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