तिरुअनंतपुरम। केरल विधानसभा के भीतर और बाहर आज युद्ध जैसा नजारा देखने को मिला। विधानसभा के भीतर मार्शलों के सुरक्षा घेरे के बीच किसी तरह वित्त मंत्री के एम मणि ने बजट पेश किया। के एम मणि पर बंद पड़े बारों को खोलने का लाइसेंस देने के लिए रिश्वत लेने का आरोप है। इसके मद्देनजर विरोधी दलों बीजेपी और एलडीएफ ने घोषणा की थी कि उन्हें बजट पेश नहीं करने देंगे।
कल से ही विरोधी पार्टियों हजारों
कार्यकर्ता विधानसभा के बाहर जमा हो गए थे और वित्त मंत्री समेत दोनों
कैंपों के ज्यादातर विधायक भी रात को विधानसभा के भीतर ही रुक गए थे।
विधानसभा के बाहर जमा भीड़ पर पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया। आज सुबह
विरोधियों ने मणि को विधानसभा हॉल में घुसने से रोकने के लिए पूरे इंतजाम
किए थे। विरोधी पार्टियों के सदस्यों ने विधानसभा अध्यक्ष एन सक्तन की
कुर्सी और कंप्यूटर को भी नुकसान पहुंचाया। विधानसभा अध्यक्ष और वित्त
मंत्री विधानसभा हॉल तक पहुंचने में नाकामयाब रहे तो अपने कैबिनों में वापस
आ गए। सत्ताधारी पार्टी के विधायक वित्त मंत्री के बचाव के लिए आगे आए और
उन्हें घेर में पिछले दरवाजे से हॉल तक ले गए। इसके बाद मार्शलों ने
ह्यूमन चेन बनाकर उन्हें घेर लिया ताकि विरोधी विधायक उन तक नहीं पहुंच
पाए। जबर्दस्त विरोध, धक्कामुक्की और भारी ड्रामे के बीच मणि ने मुश्किल से
बजट को सदन के पटल पर रखकर संवैधानिक औपचारिकता पूरी की। इस दौरान एक
सदस्य विधानसभा में ही बेहोश हो गए। अभी पता नहीं चल पाया है कि इस विधायक
का संबंध किस पार्टी से है। सत्ता और विरोधी पक्ष में \'संघर्ष विराम की
सारी कोशिशें कल विफल होने के बाद नेता विपक्ष वीएस अच्युतानंदन के
नेतृत्व में एलडीएफ के विधायक विधानसभा में पहले फ्लोर पर हॉल में ही रात
को रुक गए थे। इसके बाद मुख्यमंत्री चांडी और गृहमंत्री को छोड़कर
सत्ताधारी यूडीएफ के ज्यादातर विधायक भी रात को विधानसभा में ही रुक गए।
किसी भी तरह के टकराव को टालने के लिए विधानसभा में रात को भी स्टाफ ड्यूटी
पर लगाए गए थे। स्पेशल ब्रांच का अनुमान था कि 35 से 40 हजार कार्यकर्ता
विधानसभा के पास जमा होंगे।
|