नई दिल्ली। \'आप की अंदरूनी कलह में अब तमाम मर्यादाएं पीछे रह गई हैं। अब यह बात सामने आई है कि पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल के समर्थकों ने योगेंद्र यादव के खिलाफ \'सबूत╙ जुटाने के लिए एक महिला पत्रकार का फोन उनकी जानकारी के बिना रिकॉर्ड किया था। इस महिला पत्रकार ने पार्टी की कार्यप्रणाली को लेकर एक आलोचनात्मक लेख लिखा था और अब इस लेख को अरविंद केजरीवाल के समर्थक योगेंद्र यादव के खिलाफ अपना पक्ष मजबूत करने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि टेलिग्राफ ऐक्ट के तहत भी यह गैरकानूनी है।
29 अगस्त 2014 को बिभव कुमार, जो अब
कजरीवाल के निजी सहायक हैं, महिला पत्रकार चंदर सुता डोगरा से उस दिन
अंग्रेजी अखबार \'द हिन्दू╙ में छपे उनके लेख के बारे में बात करने के लिए
फोन किया था। चंदर अब \'इंडियन एक्सप्रेस╙ में असोसिएट एडिटर हैं। इस लेख
में उन्होंने पंजाब और हरियाणा को लेकर पार्टी की रणनीति की आलोचना की थी।
खासकर हरियाणा में विधानसभा चुनाव नहीं लडऩे के फैसले को लेकर। केजरीवाल ने तोड़ी चुप्पी, कहा मुझे गंदी लड़ाई में नहीं पडऩा नई
दिल्ली। जहां एक ओर आम आदमी पार्टी में घमासान मचा हुआ है। वहीं इस बीच
खुद केजरीवाल ने इन विवादों पर चुप्पी तोड़ी है। आम आदमी पार्टी में चल रही
जंग पर अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया है कि पार्टी में जो कुछ हो रहा है
उससे मैं बेहद आहत और दुखी हूं, ये उस दिल्ली के भरोसे को तोडऩे जैसा है
जिसने हमपर भरोसा किया, मैं इस गंदी लड़ाई में नहीं पडऩा चाहता, मेरा ध्यान
सिर्फ दिल्ली में सरकार चलाने पर रहेगा। इससे पहले आज आम आदमी पार्टी
के आशीष खेतान ने शांति भूषण और प्रशांत भूषण पर करारा हमला किया है। खेतान
का आरोप है कि शांति भूषण, प्रशांत और उनकी बेटी पार्टी पर कब्जा करना
चाहते हैं। आम आदमी पार्टी के नेता आशुतोष ने भी कहा है कि प्रशांत को ये
मुद्दा पार्टी फोरम पर उठाना चाहिए था। खेतान और आशीष ने अपनी राय ट्वीट के
जरिये दी है। उधर योगेंद्र यादव अब सफाई देते हुए ये कहते दिखे कि
चुनाव के दौरान शांति भूषण ने कई गलत बयानी की, कई तरह की गलतियां की।
योगेंद्र यादव का कहना है कि उन्होंने और प्रशांत ने पार्टी के विस्तार को
ध्यान में रखतेहुए सिर्फ कुछ सवाल उठाए। योगेंद्र को भरोसा है कि जल्द ही
सबकुछ ठीक हो जाएगा।
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