नोएडा। एमिटी लॉ स्कूल द्वारा छात्रों को कानून निर्माण एंव सुधार के संर्दभ मे जागरूक करने के लिए 'खेल कानून विषय पर कानून सुधार प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा था जिसका शुक्रवार को समापन हो गया। इस प्रतियोगिता मे विजयी छात्रों को केन्द्रीय राज्य मंत्री  ईएम सुर्दषना नचियप्पन, वाणिज्य एंव उद्योग मंत्रालय, श्री वजाहत हबीबउल्लाह, चेयरपरसन, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग, ललित भसीन, वरिष्ठ अधिवक्ता, विद्युषपत सिंघानिया, वरिष्ठ अधिवक्ता, एंव मेजर जनरल निलेन्द्र कुमार, निदेषक, एमिटी लॉ स्कूल, ने छात्रों को पुरस्कृत किया।
  इस प्रतियोगिता के अंर्तगत आईएलएस पूणे को 
प्रथम पुरस्कार की ट्राफी, एमिटी लॉ स्कूल नोएडा को द्वितीय पुरस्कार 
ट्राफी प्रदान की गई। बेस्ट लेजिंसटिएटिव इनिषिटिव का मेडल एमिटी लॉ स्कूल 
के राहूल छत्ती एंव बेस्ट लेजिंसटिएटिव इनिशिएटर का मेडल आईएलएस पूणे का 
प्रदान किया गया। प्रतियोगिता मे निर्णायक मंडल मे शामिल न्यायाधीश छात्रों
 के ज्ञान को परखा।  इस प्रतियोगिता मे आईएलएस पूणे, फैकल्टी ऑफ  लॉ, पंजाब
 विश्वविद्यालय, एसवीकेएम प्रवीन गांधी लॉ स्कूल मुंबई, यूआईएलएमएस 
गुडगांव, एमिटी लॉ स्कूल दिल्ली आदि लॉ संस्थानों से छात्रो ने हिस्सा 
लिया। केन्द्रीय राज्य मंत्री ई एम सुर्दषना नचियप्पन, वाणिज्य एंव 
उद्योग मंत्रालय ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे देश की 
संस्कृती में अच्छा स्वास्थ्य, मस्तिश्क एंव उत्साह को प्रमुखता दी गई है। 
अगर आपको अपना स्वास्थय ठीक रखना है तो आपको खेल मे हिस्सेदारी करनी होगी। 
प्रतियोगिता खेलों मे हिस्सा लेकर ही आप स्वस्थ जीवन जी सकते है। उन्होनें 
कहा कि एक स्वस्थ खेल को कभी भी कानून की आवश्यकता नही होती लेकिन जब इसमे 
उद्योग एंव धन शामिल होता है तो उसके लिए कानून बनाते पड़ते है।  स्पोर्टस 
बिल जरूरत बन गया है क्योकी किक्रेट जैसे खेल पूरी तरह व्यवसायिक हो गए और 
उन्हे कानून के दायरे मे लाना जरूरी हो गया है।  वजाहत हबीबउल्लाह 
चेयरपरसन, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा 
कि किसी भी कानून को बनाने से पूर्व उसमे आम जनता की राय को षमिल करना 
महत्वपूर्ण है। भारत मे खेल को लेकर आंषका व्यक्त की जा रही है कि जल्द ही 
पूरे विष्व मे प्रसिद्ध होगा और उसमे अपरिमित विकास होगा। उन्होने कहा कि 
खेल की स्वच्छता एंव पारदर्शिता को बचाए रखने हेतु खेल कानून होना आवश्यक 
है। बीसीसीआई के विरोध के बावजूद शीघ्र ही बीसीसीआई की एकसत्ता को चुनौती 
देते हुए उसे भी आरटीआई के अंर्तगत लाया जाएगा। वरिष्ठ अधिवक्ता ललित भसीन 
ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि खेल कानून की आवश्यकता है क्योंकी 
खिलाडिय़ों का शोषण हो रहा है।  खेल प्राधिकरणों द्वारा खेलों का बढ़ावा
 देने की बजाय धन उगाहा जा रहा है। अब समय आ गया है जब देष मे खेल कानून 
एंव कारगर खेल प्राधिकरण बने ।एमिटी लॉ स्कूल द्वारा इस प्रकार के सम्मेलन 
युवाओं को खेल मे हो रहे गलत कार्यो को रोकने, खेल मे महिलाओं एंव पुरूषों 
की भागीदारी सुनिष्चत करने हेतु प्रेरित करेगें।। चाहे कानून बने या न बने 
छात्रों को लोगो की मानसिकता को बदलने की आवष्यकता है। इस अवसर पर एमिटी विष्वविद्यालय के षिक्षकगण एंव छात्रगण उपस्थित थे।  
     
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