सीबीआई ने एक लाख की रिश्वत के आरोप में जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर और दो कर्मचारियों को गिरफ्तार किया।
(प्रदीप महाजन/आईएनएस मीडिया) सीबीआई ने इमारत के ढांचे को फर्जी प्रमाण पत्र देने के मामले में जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के सिविल इंजीनियरिंग विभाग में तैनात प्रोफेसर खालिद मोइन व्योम, आर्किटेक्ट के प्रखर पवार और इसी कंपनी के कर्मचारी आबिद खान को एक लाख की रिश्वत लेने में गिरफ्तार किया। मिली जानकारी के अनुसार प्रोफेसर खालिद विभिन्न प्राइवेट बिल्डरों आर्किटेक्ट मध्यस्थों आदि के माध्यम से इमारतों के लिए ढांचा स्थिर प्रमाण पत्र जारी करता था और वह इमारत का प्रमाण पत्र तभी जारी करता था जब प्रोफेसर साब अपना सुविधा शुल्क वसूल लेते थे। उनके द्वारा जारी सर्टिफिकेट से बिल्डर द्वारा जो इमारत खड़ी की जाती थी उस पर ढांचे को लेकर सरकारी एजेंसियां भी इमारत को पास कर देती थी। सीबीआई से मिली जानकारी के अनुसार प्रोफेसर खालिद के कारनामो की उनको एक शिकायत मिली जिसकी आरंभिक जांच की गई और इस जांच के दौरान महत्वपूर्ण तथ्य मिलने के बाद आरोपियों के खिलाफ विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई। सीबीआई टीम ने इसके बाद जाल बिछाकर एक लाख रुपये की रिश्वत ले रहे प्रोफ़ेसर और उसके सहयोगियों को धर-दबोचा। पुलिस जांच कर रही है कि इस सिंडिकेट ने कितने प्रमाणपत्र रिश्वत लेकर बनाये है।
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