न्यायालय ने पपौरा प्रकरण के आरोपियों की जमानत निरस्त की लेकिन एक माह बाद भी इनामी आरोपी पुलिस गिरफ्त से दूर।
(टीकमगढ़/प्रदीप खरे/ब्यूरो चीफ) बहुचर्चित जैन तीर्थ क्षेत्र पपौरा जी में अनिमितताओं एवं कई अन्य आरोपों से घिरे पदाधिकारियों की जमानत अर्जी आज माननीय न्यायालय ने निरस्त कर दी तो वही 1 माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी आरोपी पुलिस गिरफ्त से दूर है! श्री 1008 आतिशय क्षेत्र पपौरा जी मे आर्थिक अनिमितताओं, अमानत में खयानत सहित कई मामलों को लेकर बीते 29 दिसंबर 2020 को महिला मंडल ने स्थानीय ग़ांधी चौक पर धरना देकर कलेक्टर को ज्ञापन सौपा था,ज्ञापन पर कार्यवाही के निर्देश देते हुये जिला कलेक्टर श्री सुभाष कुमार द्ववेदी ने एसडीएम श्री सौरभ मिश्रा से मामले की जाँच करवाई,जिसमें 12 सुनवाई उपरांत न्यायालय एसडीएम कोर्ट श्री सौरभ मिश्रा ने 8 बिंदुओं पर पदाधिकारियों को दोषी मानते हुये जाँच रिपोर्ट कलेक्टर को सौप दी,कलेक्टर श्री द्ववेदी ने जाँच रिपोर्ट अनुमोदन के लिये माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश टीकमगढ़ के पास भेज दी थी,जिस पर सुनवाई जारी हैं एवं आगामी सुनवाई 27 जुलाई को नियत हैं, जाँच रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री सुभाष कुमार द्ववेदी ने पुलिस अधीक्षक श्री प्रशांत खरे को एफआईआर करने हेतु पत्र लिखा, कलेक्टर के पत्र पर त्वरित संज्ञान लेते हुये पुलिस अधीक्षक श्री प्रशांत खरे ने कोतवाली प्रभारी श्री वीरेन्द्र सिंह पंवार को निर्देशित करते हुये 13 जून को एफआईआर दर्ज की,एफआईआर की सूचना मिलते ही उसी समय से आरोपी फरार है। उक्त मामले पर आरोपी पक्ष द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में स्टे आवेदन लगाया गया,जिस पर कोई राहत नही दी गई ,इसी बीच पुलिस अधीक्षक द्वारा आरोपियों पर 10-10हजार के इनांम घोषित किए गए, लेकिन 1 माह से अधिक बीत जाने के बाद भी आरोपी पुलिस गिरफ्त से दूर है! आरोपियों के पक्ष की ओर से माननीय जिला न्यायालय में कोमल चंद ,सुभाष चंद एडवोकेट, आलोक भदौरा की जमानत अर्जी लगाई गई जिसे माननीय न्यायालय ने निरस्त कर दिया! आज तृतीय सत्र न्यायाधीश श्री प्रशांत शुक्ला जी की कोर्ट में आरोपी विनय सुनवाहा,विजय त्यौरिया,सुनील जैन प्रेस,अनिल जैन धनगोल,डॉ. धर्मेंद्र जैन,अरविंद जैन चंदावली ने अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी,जिस पर सुनवाई करते हुये माननीय न्यायालय ने अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी गई! प्रकरण में आरोपियों को बचाने छुपाने के लिए जैन समाज के कुछ स्वार्थी तत्व समाज को बरगलाने की कोशिश कर रहे हैं और जिन आरोपियों पर इनाम घोषित है न्यायालय से जमानत निरस्त हुई है उनसे समझौता करने के लिए दबाव बना रहे हैं जोकि 120 बी षड्यंत्र के आरोपी हो सकते है प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए माननीय उच्च न्यायालय द्वारा कोई राहत ना देना ,मामले की गंभीरता को दर्शाता है ,जैन समाज में समझौते जैसी बात को बीच में लाकर पुलिस एवं प्रशासन को गुमराह करने की भी कोशिशें की जा रही हैं, आम जनता की मांग है जिन्होंने भगवान को नहीं छोड़ा वह इंसान को क्या छोड़ेंगे अतः इस प्रकरण की निष्पक्षता से जांच और कार्यवाही होना चाहिए। उक्त मामले में महिला मंडल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता श्री अनिल त्रिपाठी एवं श्री नेत्र प्रकाश शुक्ला ने पैरवी की!
|