प्रसिद्ध जैन तीर्थ श्री 1008 पपौरा ट्रस्ट के सभी पदाधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज,एसडीएम की रिपोर्ट में ट्रस्ट में कई गंभीर अनियमितताएं उजागर हुईं।
(प्रदीप खरे/टीकमगढ़) बुंदेलखंड के प्रसिद्ध जैन तीर्थ श्री 1008 अतिश्य क्षेत्र पपौरा जी ट्रस्ट. टीकमगढ में लंबे समय से अनियमितताएं और धांधली चल रहीं हैं। ट्रस्ट पर पिछले लंबे समय से एक परिवार का कब्जा है। संविधान को ताक पर रखकर ट्रस्ट के पदाधिकारी न केवल मनमानी कर रहे थे, बल्कि क्षेत्र पर आने वाले जैन संतों के अपमान में भी पीछे नहीं हैं। इस संबंध में टीकमगढ़ जैन समाज के महिला मंडल की शिकायत पर एसडीएम टीकमगढ़ ने विस्तृत जांच कर अपनी रिपोर्ट कलेक्टर को सौंप दी है। इस रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश टीकमगढ़ से ट्रस्ट समिति को दंडित करने, पुन: निर्वाचन करने, भंग करने, पुर्नगठित करने की अनुशंसा की है। इसके अलावा कलेक्टर ने पुलिस अधीक्षक, टीकमगढ को पत्र लिखकर ट्रस्ट पदाधिकारियों के खिलाफ धारा 409 (अमानत में ख्यानत) के तहत एफआईआर दर्ज करने का आग्रह किया है। इस आधार पर आज कोतवाली टीकमगढ में ट्रस्ट के अध्यक्ष मंत्री सहित 9 पदाधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई है।
गौरतलब है कि पपौरा ट्रस्ट पर पिछले 40 सालों से एक परिवार का कब्जा है। वे अपने रिश्तेदारों और परिचितों को ही ट्रस्ट में पदाधिकारी बनाते हैं। पिछले दिनों ट्रस्ट की मनमानी के कारण आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की प्रेरणा से बनने वाली प्रतिभा स्थली (बच्चियों का स्कूल) के निर्माण का काम को रोकना पड़ा था। यह भी चर्चा थी कि टीकमगढ़ में बनने वाली प्रतिभा स्थली को ललितपुर शिफ्ट कर दिया है। इससे दुखी होकर टीकमगढ़ की महिलाओं ने ट्रस्ट पदाधिकारियों के खिलाफ पिछले साल दिसंबर में आंदोलन शुरू कर दिया था। महिला मंडल की सदस्य नम्रता जैन और वंदना जैन ने कलेक्टर को ट्रस्ट की गतिविधियों की शिकायत करते हुए जांच की मांग की थी। कलेक्टर ने इसी साल 6 जनवरी को एसडीएम को जांच करने के निर्देश दिए। एसडीएम ने 18 पेज की अपनी रिपोर्ट 8 जून को कलेक्टर को सौंप दी है। इस रिपोर्ट में ट्रस्ट को गंभीर आर्थिक अनियमितताओं, संतों के साथ अपमानजनक व्यवहार करने, क्षेत्र पर चर्तुमास कर रहे जैन साधुओं को सुविधाएं न देने, क्षेत्र में भारी गंदगी फैलाने, नोट बंदी के दौरान दो नम्बर की बड़ी राशि को ट्रस्ट के खाते में जमा करके एक नंबर का करना। प्रतिभा स्थली के नाम पर दान लेना, लेकिन प्रतिभा स्थली को जो भूमि देने का अनुबंध किया था, उससे पलट जाना सहित 14 मामले में दोषी पाया है। ट्रस्ट की 14 धाराओं का उल्लेख करते हुए इन सभी मामलों में ट्रस्ट ने नियमानुसार कार्य नहीं किया है। एसडीएम के बार-बार मांगने के बाद ट्रस्ट ने दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए। 1976 में गठित ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने मनमाने तरीके से ट्रस्ट का संविधान बनाया जिसकी सूचना ट्रस्ट रजिस्ट्रार को नहीं दी। गलत तरीके से सदस्यता करने और चुनाव कराने के मामले में भी ट्रस्ट दोषी पाया गया है। इसके अलावा ट्रस्ट की दुकानों को किराए पर देने के मामले में भारी गड़बड़ी पाई गई है।
ट्रस्ट के मौजूदा उपाध्यक्ष राजीव जैन वर्धमान ने एसडीएम कार्यालय में उपस्थित होकर ट्रस्ट की अनियमितताओं की जानकारी दी। इसके अलावा श्रीपाल नायक पत्रकार, वीरेंद्र पहलवान, नम्रता जैन और वंदना जैन सहित जैन समाज के अधिक लोगों ने ट्रस्ट के खिलाफ बयान दर्ज कराए। इस संबंध में शिकायतकर्ता नम्रता जैन और वंदना जैन का कहना है कि हमें मजबूरी में इस मामले को जिला प्रशासन के सामने उठाना पड़ा, क्योंकि जिस प्रतिभा स्थली का सपना टीकमगढ़ ने देखा था वह ट्रस्ट की जिद के कारण पूरा नहीं हो पा रहा था। देश की 194 बेटियों ने पपौरा प्रतिभा स्थली मेें एडमिशन लिया था। ट्रस्ट के कारण इनका भविष्य अंधकार में हो गया था। इसलिए मजबूरी में हम महिलाओं को घर के काम छोड़कर ट्रस्ट के खिलाफ सड़क पर आना पड़ा।
टीकमगढ़ के कलेक्टर सुभाष द्विवेदी ने बताया कि पपौरा ट्रस्ट की रिपोर्ट मिल गई है। इसका परीक्षण करने के बाद नियमानुसार कार्रवाई के लिए माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश को भेजी गई है। वहां से जो भी निर्देश मिलेंगे उसके अनुसार कार्रवाई होगी।
पुलिस अधीक्षक, टीकमगढ़ प्रशांत खरे से मिली जानकारी के अनुसार कलेक्टर महोदय का पत्र प्राप्त हुआ है, जिसमें पपौरा ट्रस्ट की अनियमितताओं की जांच रिपोर्ट के साथ एफआईआर दर्ज करने को कहा गया है। पुलिस ने इस संबंध में थाना कोतवाली में दो एफआईआर दर्ज की गई हैं।