कोरोना से अनाथ हुए 12 बच्चों को सतयुग दर्शन स्कूल निशुल्क शिक्षा देगा।
इस कोरोना काल में कई स्कूल जहां अप्रैल, मई और जून की तीन महीने की फीस जमा न करने पर बच्चों के नाम काटने की धमकी दे रहे हैं। वहीं एक स्कूल ऐसा है जिसने कोरोना की बीमारी से अनाथ हुए बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने की पहल है। यह स्कूल है सतयुग दर्शन। भूपानी लालपुर रोड स्थित इस स्कूल ने घोषणा की है कि कोरोना महामारी के कारण जो बच्चे अनाथ हुए हैं उनमें से 12 बच्चों को मेरिट के आधार पर स्कूल निशुल्क शिक्षा देगा। उम्मीद एक आशा की किरण योजना के तहत स्कूल ने यह घोषणा की है। जनकल्याण की भावना व मानवतावादी दृष्टिकोण के तहत स्कूल की ओर से लिया गया यह फैसला अन्य स्कूलों के लिए एक नजीर है।
प्रधानाचार्य नीरज मोहन पुरी के अनुसार जिन मेधावी बच्चों के मात-पिता या परिजन कोरोना महामारी की भेंट चढ़ गए या जिन बच्चों के परिवार की आय का जरिया कोरोना के चलते प्रभावित हुई है उनके लिए सतयुग दर्शन विद्यालय ने निशुल्क बोर्डिंग या डे-बोर्डिंग शिक्षा प्रदान करने का निर्णय लिया है। प्रधानाचार्य के अनुसार हम समाज के सभी वर्ग के उन 12 असहाय बच्चों की निशुल्क शिक्षा की जिम्मेदारी लेते हैं जिनकी आयु 6 से 14 वर्ष के बीच है। जिन छात्रों को यह सुविधा दी जानी है स्कूल की तरफ से यह जांच की जाएगी कि क्या वे सचमुच में इस योजना के लिए पात्रता रखते हैं।
प्रधानाचार्य के अनुसार ऐसे छात्रों की एक परीक्षा होगी। इसमें जो छात्र 1 से 12 तक की रैंक हासिल करेंगे और जिनका दो वर्ष का शैक्षणिक रिकॉर्ड अच्छा होगा और जिनकी आर्थिक स्थिति कोरोना के कारण कमजोर हो गई है और जो सच में योजना के लिए जरूरी योग्यता के सभी प्रमाणों पर खरे उतरते हैं, उन्हें निशुल्क शिक्षा देगा। प्रधानाचार्य ने कहा यदि इस तरह की पहल जिले के अन्य स्कूल करते हैं तो कोरोना से असहाय हुए बच्चे शिक्षा से वंचित नहीं रहेंगे।