विश्व समभाव दिवस की मंगलमई संध्या पर सतयुग दर्शन ट्रस्ट द्वारा
किया गया विशेष आनॅलाइन कार्यक्रम
एवं साथ ही छठे मानवता ई-आलम्पियाड की परीक्षा के परिणाम घोषित किए।
(श्वेता अरोड़ा/DNL/INS) विश्व समभाव दिवस की मंगलमई संध्या पर समभाव-समदृष्टि की महत्ता को दर्शाते आनॅलाइन विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसका यू-ट्यूब, फेस बुक से प्रीमियर प्रसारण किया इस रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आनंद ट्रस्ट के छात्रों,टीचरों व अन्य जनमानस ने उठाया। राजनीति, शिक्षा, खेल व मेडिकल क्षेत्र के प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने इस अवसर पर विद्यालय जाने वाले छात्रों में मानवीय गुणों की मजबूत नींव स्थापित करने हेतु ट्रस्ट के प्रयासों की सराहना की है। कार्यक्रम में छठे मानवता ई-आलम्पियाड की परीक्षा के परिणाम भी घोषित किए गए। विजेताओं को पुरस्कार के रूप में सवा दो लाख रूपये तक की धनराशि के ईनाम देकर सम्मानित किया गया। ट्रस्ट के मार्गदर्शक श्री सजन जी ने सबको समभाव-समदृष्टि की युक्ति की जीवन उपयोगिता के बारे में बताते हुए कहा कि हर मानव के लिए अपने यथार्थ स्वरूप में सदा एकरस बने रहे, मानवता के सिद्धान्त पर सुदृढ़ बने रहने हेतु, समभाव-समदृष्टि का सबक़ पढ़ना व उसका व्यवहारिक रूप गहनता से समझना आवश्यक है।
श्री सजन जी ने सबसे कहा कि मानो कि यह अपने आप में एक मानव के लिए कुदरती वेद-शास्त्रों में विदित शब्द ब्रह्म विचारों अनुसार जीवन शैली अपना कर, आत्मस्वरूप में स्थित रहते हुए, नित्यता के भाव से निर्भयतापूर्ण निष्पाप जीवन जीने की यानि जीवन के वास्तविक आनन्द का अनुभव करने की महत्त्वपूर्ण बात है। तभी आप सत्-वादी बन अहिंसा के पुजारी बन पाओगे और क्षमाशीलता के भाव को अपने स्वभाव के अंतर्गत कर हृदय में सजन भाव उजागर कर पाओगे। कार्यक्रम में
पूर्व आईएएस लेखक विवेक अत्रे, कॉमन वेल्थ गेम्स स्वर्ण पदक विजेता निशानेबाज ओमकार सिंह, पदम् श्री प्रोफेसर एच.सी.वर्मा, शिक्षा वन और पर्यटक मंत्री, हरियाण कॅवर पाल गुर्जर ने भी बाल्यावस्था से ही छात्रों को चारित्रिक रूप से संस्कारी बनाने हेतु ट्रस्ट के इस मानवता ई-आलम्पियाड की बहुत प्रशंसा की व आयोजित आनलाईन कार्यक्रम के विषय में अपने विचार प्रस्तुत किए।