(आईएनएस मीडिया) manhandling (मारपीट) में पिट जाए तो लाईन हाजिर,किसी को लॉ एंड आर्डर में सख्ती दिखाए तो लाईन हाजिर या सस्पेंड हो जाती है।ताजा मामला नार्थ ईस्ट के शास्त्री पार्क का है जहाँ पुलिसकर्मी माँ बहन की सरेआम गालियां खा रहे हैं, भाई स्वाभिमान तो वर्दी का भी है अगर सिपाही को गाली पड़ रही है तो वो समझो एसएचओ,एसीपी, डीसीपी और कमिशनर को भी पड़ रही है क्योंकि सिपाही अपनी माँ बहन की गाली खाने अपनी खुद की भैस छुड़ाने नही गया था वो अपनी ड्यूटी पर था, हा आपा खो बैठा अब क्यो खो बैठा वो एयरकंडीशनर में बैठा अधिकारी नही जान सकता क्योंकि वो तो बस वीडियो देखकर फैसला ले रहा है लेकिन ग्राउंड पर 45-46 डिग्री पर लोगो से जूझता माँ बहन की गाली खाता,अपनी वर्दी फड़वाता सिपाही पता नही क्यो नही नजर आता।
दूसरी ओर अपने इलाज में इधर से उधर दौड़ता एक सिपाही मर जाता है उसके कसूरवार नजर नही आते,एक थानाध्यक्ष को कोरोना के इलाज के लिए अस्पताल नसीब नही होता तो उसकी बेटी सीपी, डीसीपी, pmo में ट्वीट करती है तो उस थानाध्यक्ष का इलाज होता है।