दिल्ली में इन दिनों सियासी भूचाल आया हुआ है। भूमि अधिग्रहण बिल को लेकर संसद गरम है तो कोल आवंटन घोटाले में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को घसीटने से कांग्रेस की फजीहत हो रही है।
उधर, आपसी कलह के चलते आम आदमी पार्टी में
भी खींचतान चल रही है। ऐसे में अपनी बला को दूसरे पर डालने के लिए भाजपा,
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में चूहा-बिल्ली का खेल चल रहा है। इसी खेल में
एक मुद्दा आया है \'स्टिंग ऑपरेशन। दरअसल, सभी दल इस बात से काफी आहत हैं
कि मीडिया को रोज सुबह से शाम तक के लिए कोई न कोई मुद्दा चाहिए। रोजाना
जिस भी पार्टी का मुद्दा सुबह को मिल जाता है शाम तक इलेक्ट्रॉनिक मीडिया
में वही छाया रहता है। प्रिंट मीडिया से उन सियासी दलों को कोई ज्यादा
परेशानी नही है लेकिन चैनलों में सुबह से लेकर रात तक जो मुद्दे का रायता
बनाया जाता है उससे ये सभी दल खासे आहत हैं। इसीलिए इन सभी ने अपने बचाव के
लिए तरीका यह अपनाया है कि मीडिया को दूसरे दलों के मुद्दे घुमा-फिरा कर
उपलब्ध कराते रहो और अपने-आप को बचाए रखो। इसी में आजकल दिल्ली का विकास और
देश की जनता उलझी है। इसमें अब नया मामला उठा है \'स्टिंग ऑपरेशन का।
इस बार दूसरों का स्टिंग करने वाली \'आप को स्टिंग में फंसाने का प्रयास
किया गया है। बवाल इस बात को लेकर है कि कांग्रेस के विधायकों को आम आदमी
पार्टी ने अपनी तरफ मोडऩे का प्रयास किया। लेकिन इसमें कहीं भी खरीद-फरोख्त
की बात सामने नहीं आई है। बावजूद इसके कांग्रेस के विधायक इसको लेकर
मीडिया में छाए हुए हैं। जानकारों की माने तो यह सब पूर्व पीएम के कोल
आवंटन में आए नाम की खबरों को दबाने का प्रयास भर है। क्योंकि मीडिया को
नया खाना मिला रहेगा तो बासी पर ध्यान नहीं जाएगा।
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