पत्रकारिता अब पीत पत्रकारिता हो गई है ,वो भी एक दौर था जब झोला उठा कर एक पत्रकार सरकार को गिराने का दम्भ भरता था परन्तु अब तो क्या बड़ा क्या छोटा सभी गलत काम करने वालों से कुछ लोग पत्रकार बनकर जमकर वसूली करते हैं और गलत काम करने वाला मजबूरी में कुछ बोल भी नहीं पाता है. आगरा में एक ऐसे ही मामले का भंडा़फोड़ हुआ है जिसमें करीब दस लोग पत्रकार बनकर हर महीने नकली खाद्य तेल बेचने वाले एक कारोबारी से लाखों रुपये वसूलते थे. न देने पर कैमरा लेकर आते और रिकार्डिंग करने लग जाते. फिर धमकी देते कि वह शासन प्रशासन को दिखाकर नकली तेल के कारबोरा की पोल खोल देंगे. इससे डरा कारोबारी उन्हें मुंहमांगी रकम दे देता.
|