नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री ने मानव विरोधी तस्करी क्षेत्र में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को अलग-अलग अभियान चलाने एवं उसमें सफलता हासिल करने पर उत्कृष्टता पुरस्कार प्रदान किया। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मानव विरोधी तस्करी क्षेत्र में \'ऑपरेशन स्माईल\' के दौरान रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के सराहनीय योगदान के लिए आरपीएफ के महानिदेशक श्री राजीव रंजन वर्मा को उत्कृष्टता प्रमाण पत्र प्रदान किया। यह प्रमाण पत्र आज नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय मानव विरोधी तस्करी सम्मेलन के अवसर प्रदान किया गया। बच्चों को सकुशल उनके परिवार से मिलाने पर गौतमबुद्घ नगर के तत्कालीन एसएसपी डा. प्रतिन्दर सिंह और गाजियाबाद के धर्मेंद्र यादव को सम्मानित किया गया। इस मौके पर डा. प्रीतिन्दर सिंह ने कहा कि मानव तस्करी रोकना एक चुनौती है लेकिन पुलिस अलग-अलग संगठनों की सहयोग से इसपर काबू पा सकती है।
हाल के वर्षों में देश के पिछड़े और
दूरदराज के क्षेत्रों से खासतौर पर महिलाओं और बच्चों की शहरी क्षेत्रों और
प्रमुख शहरों में की जाने वाली मानव तस्करी एक प्रमुख समस्या बन गयी है।
देश में एक स्थान से दूसरे स्थान तक की यात्रा के लिए सबसे सस्ते साधन के
तौर पर उपलब्ध भारतीय रेल का उपयोग अकसर अपराधियों द्वारा लोगों को एक
स्थान से दूसरे स्थान पर तस्करी हेतू ले जाने के लिए किया जाता है। रेलों
और रेलवे परिसरों में इस समस्या के निपटने के लिए भारतीय रेलवे ने देशभर के
विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर बाल सुरक्षा समितियों का गठन किया है। बाल
सुरक्षा समितियों के सबसे सक्रिय घटक के तौर पर रेलवे सुरक्षा बल ने तस्करी
करके लाए गए बच्चों को बचाने में और उन्हें उनके कानूनी अभिभावकों अथवा इस
क्षेत्र में कार्य कर रहे मान्यता प्राप्त गैर सरकारी संगठनों तक पहुंचाने
में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। वर्ष 2013 में 4658, वर्ष 2014 में
4448 और वर्तमान वर्ष में अभी तक तस्करी करके लाए गए 3969 छोटे बच्चों को
आरपीएफ कर्मियों द्वारा मुक्त कराया गया है। मानव विरोधी तस्करी के क्षेत्र
में आरपीएफ के इस सराहनीय योगदान के लिए यह पुरस्कार एक महत्वपूर्ण
उपलब्धि है।
|